आहार (आहार)
हमारे शरीर के साथ साथ हमारे शरीर के रोग प्रतिकार शक्ति के लड़ाकू लड़ाकू टी कोशिकाओं और मैक्रोफेज को भी नियमित पौष्टिक समतोल आहार कि आवश्यकता होती है. आपने देखा होंगे कि, समतोल आहार लेने वाले बच्चो कि तुलना में कुपोषित बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते है. शरीर कि रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए जिंक, आयरन, सेलेनियम, तांबा, फोलिक एसिड और विटामिन ए, बी -6, सी, ई जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों और विरोधी oxidants कि जरुरत होती है.
- समतोल आहार / संतुलित आहार : रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ने के लिए नियमित समतोल आहार लेना आवश्यक है. आहार में ज्यादा प्रमाण में पौष्टिक फल, सब्जी और प्रोटीन युक्त चीजो का समावेश करे और वसायुक्त चीजे कम रखे.
- खाद्य पिरामिड : आहार में कौन सी चीज कितनी मात्रा में लेना चाहिए यह जानने के लिए खाद्य पिरामिड कि सहायता ले. खाद्य पिरामिड के बारे में जानने के लिए पढ़े: खाद्य पिरामिड
- विरोधी oxidants : शरीर कि रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए योग्य प्रमाण में विरोधी oxidants लेना जरुरी है. एंटी हमारे शरीर के ख़राब पेशी को ठीक करते है और बुढ़ापे को दूर भगाते है. आप निचे दिए हुए आहार लेकर या अपने डॉक्टर कि सलाह अनुसार विरोधी oxidants और विटामिन युक्त दवा ले सकते है.
- बीटा कैरोटीन - यह खुबानी (खुबानी), हरी फूलगोभी (ब्रोकोली), चुकंदर (बीट), पालक (पालक), टमाटर (टमाटर), मका (मकई) और गाजर (गाजर) में पाया जाता है.
- सेलेनियम - यह जौ (जई), प्याज (प्याज), सूर्यमुखी फूल के बिज (सूरजमुखी के बीज), कुकरमुत्ता (मशरूम), भूरे चावल (ब्राउन राइस), अंडा (अंडे), मछली (मछली) और मटन (मांस) में पाया जाता है. यह कई प्रकार के कैंसर से शरीर को बचाने में मदद करता है.
- विटामिन ए - यह शक्कर कंद (मीठे आलू), गाजर (गाजर), खुबानी (खुबानी), हरी सब्जिया (हरी सब्जियां), लाल मिर्च (लाल मिर्च), cantaloupe (खरबूजा) में अधिक पाया जाता है.
- विटामिन बी 2 - यह पालक (पालक), बदाम (बादाम), सोयाबीन (सोयाबीन), कुकरमुत्ता (मशरूम), गाय का दूध (गाय का दूध) में पाया जाता है.
- विटामिन बी -6 - यह पालक (पालक), केला (केला), आलू (आलू), सूर्यमुखी फूल के बिज (सूरजमुखी के बीज) में पाया जाता है.
- विटामिन सी - यह संत्रा (संतरे), टमाटर (टमाटर), पपीता (पपीता), स्ट्रॉबेरी (स्ट्रॉबेरी), पत्तागोभी (फूलगोभी) में पाया जाता है.
- विटामिन ई - यह गाजर (गाजर), पपीता (पपीता), पालक (पालक), सूर्यमुखी फूल के बिज (सूरजमुखी के बीज), बदाम (बादाम) में पाया जाता है.
- विटामिन डी - यह दूध (मिल्क), कुकरमुत्ता (मशरूम), अंडा (अंडे), सामन (सामन), सार्डिन मछली (सार्डिन) में पाया जाता है.
- जिंक - यह लौकी के बिज (कद्दू के बीज), तिल (तिल के बीज), जौ (जई), दही (दही), झींगा (झींगा), शुक्ति (कस्तूरी), मटन (मांस) में पाया जाता है.
- पानी / पानी - दिन भर में कम से कम 8 ग्लास पानी लेना चाहिए. योग्य प्रमाण में पानी पिने से शरीर को बल प्राप्त होता है और पाचन ठीक से होता है. पानी शरीर के अनावश्यक पदार्थो को शरीर से बाहर निकलता है.
- सफाई / स्वच्छता - खाना बनाते समय और खाना खाते समय सफाई का विशेष ख्याल रखे. बाहर का चटपटा खाने कि जगह पर घर के स्वच्छ और स्वादिष्ट खाने को प्राथमिकता देना चाहिए. अस्वच्छ और बासी खाना खाने से कई अनचाही पाचन से जुडी बीमारी हो सकती है जो कि आपके रोग प्रतिकार शक्ति को कमजोर कर देती है.
- जड़ी बूटी / जड़ी बूटी - अपनी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए आप कुछ प्रख्यात जड़ी बूटियों का भी उपयोग कर सकते है जैसे कि गुडूची सत्व, अश्वगंधा चूर्ण, लहसुन, अदरक, जिनसेंग, हल्दी इत्यादि. अभी सर्दी का मौसम है और यह मौसम रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ने के लिए सबसे उत्तम समय है. इस मौसम में आप नियमित व्यायाम और साथ में रोज सुबह और रात में गरम दूध के साथ 1 चमच्च च्यवनप्राश लेकर अपनी रोग प्रतिकार शक्ति को बल दे सकते है.
दिनचर्या / जीवन शैली
रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ने के लिए आहार के साथ साथ हमारे दिनचर्या में बदलाव करना भी जरुरी है. अगर हम अपनी कुछ बुरी आदते बदल दे तो, कुछ बीमारियो से बच सकते है और अपनी रोग प्रतिकार शक्ति भी बढ़ा सकते है.
- तनावमुक्त रहे / तनाव प्रबंधन - कोशिश करे कि आप भय, क्रोध, चिंता और तनाव इन शरीर के मानसिक शत्रुओ से दूर रहे. जब हम तनावग्रस्त रहते है तब हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का ज्यादा मात्रा में निर्माण होता है. इस हार्मोन के कारण मोटापा, हृदयरोग, कर्करोग जैसी कई समस्या पैदा हो सकती है. आप तनावमुक्त रहने के लिए योगा, प्राणायाम, ध्यान या अपना पसंदीदा काम कर सकते है. ज्यादा तनाव होने पर किसी मनोचिकित्सक कि सलाह लेना चाहिए.
- व्यायाम करे / व्यायाम - शोध से यह पता चला है कि जो लोग सप्ताह में 5 दिन नियमित 30 से 40 मिनिट तक व्यायाम करते है, वह लोग अन्य लोगो कि तुलना में 50 से 60% कम बीमार पड़ते है. नियमित व्यायाम करने से आपका वजन भी नियंत्रित रहता है और रोग प्रतिकार शक्ति भी बढती है. नियमित व्यायाम असल में एक स्वस्थ जीवन कि कुंजी है.
- वजन नियंत्रण / वजन नियंत्रण - आज के युग में मोटापे कि समस्या एक महामारी कि तरह फ़ैल रही है. मोटापा अपने साथ कई गम्भीर बीमारियो को आमंत्रण देता है. अपनी रोगप्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए और स्वस्थ रहने के लिए वजन को काबू में रखना बेहद जरुरी है. वजन नियंत्रण के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़े: वजन प्रबंधन
- नींद / सोना - दिन भर काम करने के बाद आपके मन और शरीर के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे कि नींद जरुरी है. जो लोग अपने मन और शरीर को पर्याप्त आराम देते है वे अधिक कार्यक्षम और निरोगी रहते है.
- बु री आदते छोड़े / बंद करो बुरी आदतें - स्वस्थ और निरोगी शरीर के लिए शराब, धूम्रपान, गुटखा और तंबाखू सेवन इत्यादि बुरी आदतो का त्याग करे. इन आदतो से आपको कुछ क्षण के लिए सुख कि अनुभूति होती होंगी पर आपके सेहत और आपके परिवार के लिए यह आदते किसी जहर से कम नहीं है. जिन लोगो को ऐसी बुरी आदते होती है वह जल्दी बीमार होते है और इन्हे होनेवाली बीमारी सामान्य व्यक्ति को होनेवाली बीमारी से गम्भीर होती है.
- स्वच्छता रखे / स्वच्छ होना - अपने शरीर के साथ - साथ अपने आस - पास के माहौल को स्वच्छ रखे. केवल स्वच्छता रखने से ही, आप लगभग 50% बीमारियो को दूर भगा सकते है. खुद स्वच्छ रहे और बाकि लोगो को भी स्वच्छता रखने के लिए प्रेरित करे, जिससे आप बाकि लोगो से होनेवाली बीमारियो से बच सके.
- रोजाना स्नान करे
- दिन में दो बार दात साफ करे
- हमेशा अच्छे से हाथ साफ करे
- अगर आप कही बाहर जाते है या सफ़र कर रहे है तो जीवाणुरोधी हाथ प्रक्षालक साथ रखे
- हफ्ते दो बार शैम्पू करे
- घर / ऑफिस कि सफाई के ओर विशेष ध्यान रखे
- स्वास्थ्य परिक्षण / स्वास्थ्य जाँच - अपने डॉकटर से नियमित स्वस्थ्य परिक्षण कराते रहे. किसी भी बीमारी या बीमारी के लक्षण को नजरअंदाज न करे. उचित समय पर बीमारी बढ़ने से पहले डॉक्टर कि सलाह अनुसार इलाज शुरू कर दे. अपने बच्चो को उम्र अनुसार सारे टिके / टीकाकरण लगवाए. डॉक्टर के सलाह बिना कोई दवा न ले. अपने डॉकटर से आपके स्वास्थ के इतिहास / चिकित्सा इतिहास के हिसाब से रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए उपयुक्त आहार, व्यायाम और दवा के बारे में सलाह ले. बेवजह छोटी समस्या के लिए बिना सलाह कोई दवा न ले.
ऊपर दिए गए आहार, दिनचर्या और व्यायाम संबंधी सलाह का अनुकरण कर आप अपनी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ा सकते है और साथ ही निरोगी स्वस्थ जीवन का आनंद उठा सकते है. अगर आप के मन में कोई प्रश्न है तो आप सकते है या अपने डॉक्टर कि सलाह ले सकते है पूछ बॉक्स में टिप्पणी.
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