अंगूर
अंगूर एक सुगंधित लता वाला फल है. अंगूर की पांच जातियां – तीन हरे और दो काले रंग की होती हैं.
अंगूर में भस्म, अम्ल, शर्करा, गौंद, ग्लूकोज, कषाय द्रव्य, साइट्रिक, हाइट्रिक,रैसेमिक और मौलिक एसिड, सोडियम और पोटेशियम और क्लोराइड मेग्नीशियम आदि होता है.
अंगूर की खासियत है कि इसका प्रयोग रोगी, निरोगी, बच्चे, बूढ़े, युवा, गर्भवती अथवा दूध पिलाने वाली माता, कमजोर या पहलवान सभी कर सकते हैं. अंगूर मधुमेह और कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद है.
अंगूर में हेरोस्टिलवेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो एंटीऑक्सीडेंट है. अंगूर खून में से शूगर की मात्रा को कम करता है.इसलिए मधुमेह रोगी के लिए भी अंगूर उपयोगी है.
हरे अंगूरों की तुलना में काले अंगूरों में ओरोस्टिलवेन की मात्रा अधिक होती है जिसे खाने से खून का संचार बदलता है. एनीमिया होने पर अंगूर खाने से तुरंत फायदा होता है. अंगूर ग्लूकोज, शुगर, आयरन, खून की कमी को दूर करता है. आधा कप अंगूर रस नित्य पीने से खून की कमी दूर होती है.
जुकाम में प्रतिदिन 50 ग्राम अंगूर खाने से जुकाम से छुटकारा मिल जाता है.अंगूर खाने से ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है. कैंसर रोग में पहले तीन दिन थोड़े अंगूर का रस सेवन करें फिर धीरे-धीरे एक गलास तक पानी की आदत डालें.
टायफाइड बुखार में मुनक्का सेवन करना फायदेमंद रहता है. इससे पेट साफ होता है तथा मल भी जमा नहीं होता. चेचक के रोगी को अंगूर खिलाने से आराम मिलता है.
आधे सिर के रोगी को जिसमें दर्द सूर्योदय से पहले प्रारंभ होता है. सूर्य के साथ ही बढ़ता जाता है. इस स्थिति में आधा कप अंगूर का रस सूर्योदय से पहले पीने से सिरदर्द ठीक हो जाता है. हृदय में दर्द हो तो अंगूर का आधा कप रस पीने से आराम मिलता है.
अंगूर को नमक, काली-मिर्च के साथ खाने से कब्ज में लाभ होता है. गुर्दे के दर्द में अंगूर के ताजा पत्ते लगभग 50 ग्राम पानी में पीसकर थोड़ा नमक मिला कर छान लें रोगी को पिलाने से दर्द में लाभ होता है.
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