हमारे देश के कई घरों में सुबह का नाश्ता और 'ब्रेड' एक-दूसरे के पूरक हैं। कोई ब्रेड मक्खन के साथ खाता है, तो कोई चीज स्प्रेड के साथ। कोई ब्रेड को जेम के साथ खाता है तो कोई दूध में डालकर। ब्रेड को क्रीम के साथ भी खाया जाता है। ब्रेड के सेंडविच बनते हैं। बर्गर और पिज्जा के मूल में भी ब्रेड ही होती है। पावभाजी खाने वाले तो जानते ही हैं कि पाव मतलब ब्रेड ही है। हम रोजाना ब्रेड से रूबरू होते हैं और उसके कई प्रकार के पकवान बनाते-खाते हैं।
ज्यादातर बेकरी आइटम्स में उसी आटे का उपयोग होता है जिससे ब्रेड बनती है। इसमें बिस्कुट तक शामिल है, लेकिन क्या आपको पता है कि ब्रेड हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकती है। इतनी हानिकारक कि इससे हमारे स्वास्थ्य को कई बार गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह खतरा होता है 'पोटेशियम ब्रोमेट' नामक एक पदार्थ से। पोटेशियम ब्रोमेट का कैमिकल फार्मूलाE924a है। इसका मतलब रसायन शास्त्र की भाषा में इस पदार्थ को इसी फार्मूले से पहचाना जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस पदार्थ का ब्रेड से क्या संबंध। बस यही समझने की बात है।
पोटेशियम ब्रोमेट को ब्रेड बनाने से पहले आटे में मिलाना भारत में एक आम प्रथा है। यह प्रथा संसार के और भी कई देशों में प्रचलित है। हालाँकि इस पदार्थ की नियंत्रित मात्रा ही आटे में मिलाई जाती है लेकिन यह मात्रा अगर जरा सी भी ज्यादा हो जाए तो यह ठीक से पचती नहीं है और हमारे लिए यह काफी हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
पोटेशियम ब्रोमेट को आटे की गुणवत्ता सुधारने के लिए उसमें मिलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसे मिलाने से ब्रेड अच्छी तरफ फूलती है, ज्यादा सफेद दिखती है और जल्दी हजम होती है। लेकिन ऐसी सुंदर ब्रेड किस कदर खतरनाक हो सकती है यह हम सिर्फ इसी बात से समझ सकते हैं कि 1990 में समूचे योरप में पोटेशियम ब्रोमेट को किसी भी खाद्य पदार्थ में मिलाने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
अमेरिका में इसे वैसे तो 1991 में ही प्रतिबंधित कर दिया गया था लेकिन कैलीफोर्निया में इस आटे से बनी चीजों पर लेबल लगाना अनिवार्य होता है जिसमें साफ तौर पर बताना पड़ता है कि उस आटे में पोटिशियम ब्रोमेट मिला है। कनाडा में इस पदार्थ को 1994 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
बाद में वर्षों में यानी 2001 में इसे श्रीलंका व 2005 में चीन में भी प्रतिबंधित कर दिया गया। यह पदार्थ नाइजीरिया, ब्राजील और पेरु जैसे देशों में भी प्रतिबंधित है, लेकिन भारत में इसका अभी तक धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है और यह धीमा जहर रोजाना ब्रेड खाने वाले कई भारतीयों के शरीर में प्रवेश कर रहा है।
एक अध्ययन के अनुसार मुंबई की पावभाजी में पोटेशियम ब्रोमेट की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है। अब तमाम प्रयासों के बाद यूनिलीवर कंपनी (हिन्दुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड) ने भारत में अपने सभी ब्रेड उत्पादों से पोटेशियम ब्रोमेट हटाने की घोषणा की है। यह एक अच्छी पहल है।
कंपनी की देशभर में चलने वाली छः मार्डन बेकरी फैक्टरीज आगामी दिसंबर से अपने बैकरी उत्पादों में पोटेशियम ब्रोमेट का इस्तेमाल करना बंद कर देंगी। इसको प्रतिबंधित करवाने की मुहिम में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगे हैं फिलहाल भारत सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
हमें इस पदार्थ को लेकर न सिर्फ खुद जागरूक होना पड़ेगा बल्कि जनता तथा अपने देश की सरकार का भी इस ओर ध्यान दिलाना होगा ताकि अन्य बेकरी उत्पाद बनाने वाली कंपनियाँ भी इस पदार्थ का इस्तेमाल करना बंद करें। इसे प्रतिबंधित किया जाए। आखिर ये हमारे देश की जनता की सेहत का सवाल है।
ज्यादातर बेकरी आइटम्स में उसी आटे का उपयोग होता है जिससे ब्रेड बनती है। इसमें बिस्कुट तक शामिल है, लेकिन क्या आपको पता है कि ब्रेड हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकती है। इतनी हानिकारक कि इससे हमारे स्वास्थ्य को कई बार गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह खतरा होता है 'पोटेशियम ब्रोमेट' नामक एक पदार्थ से। पोटेशियम ब्रोमेट का कैमिकल फार्मूलाE924a है। इसका मतलब रसायन शास्त्र की भाषा में इस पदार्थ को इसी फार्मूले से पहचाना जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस पदार्थ का ब्रेड से क्या संबंध। बस यही समझने की बात है।
पोटेशियम ब्रोमेट को आटे की गुणवत्ता सुधारने के लिए उसमें मिलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसे मिलाने से ब्रेड अच्छी तरफ फूलती है, ज्यादा सफेद दिखती है और जल्दी हजम होती है। लेकिन ऐसी सुंदर ब्रेड किस कदर खतरनाक हो सकती है यह हम सिर्फ इसी बात से समझ सकते हैं कि 1990 में समूचे योरप में पोटेशियम ब्रोमेट को किसी भी खाद्य पदार्थ में मिलाने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
अमेरिका में इसे वैसे तो 1991 में ही प्रतिबंधित कर दिया गया था लेकिन कैलीफोर्निया में इस आटे से बनी चीजों पर लेबल लगाना अनिवार्य होता है जिसमें साफ तौर पर बताना पड़ता है कि उस आटे में पोटिशियम ब्रोमेट मिला है। कनाडा में इस पदार्थ को 1994 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
बाद में वर्षों में यानी 2001 में इसे श्रीलंका व 2005 में चीन में भी प्रतिबंधित कर दिया गया। यह पदार्थ नाइजीरिया, ब्राजील और पेरु जैसे देशों में भी प्रतिबंधित है, लेकिन भारत में इसका अभी तक धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है और यह धीमा जहर रोजाना ब्रेड खाने वाले कई भारतीयों के शरीर में प्रवेश कर रहा है।
एक अध्ययन के अनुसार मुंबई की पावभाजी में पोटेशियम ब्रोमेट की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है। अब तमाम प्रयासों के बाद यूनिलीवर कंपनी (हिन्दुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड) ने भारत में अपने सभी ब्रेड उत्पादों से पोटेशियम ब्रोमेट हटाने की घोषणा की है। यह एक अच्छी पहल है।
कंपनी की देशभर में चलने वाली छः मार्डन बेकरी फैक्टरीज आगामी दिसंबर से अपने बैकरी उत्पादों में पोटेशियम ब्रोमेट का इस्तेमाल करना बंद कर देंगी। इसको प्रतिबंधित करवाने की मुहिम में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगे हैं फिलहाल भारत सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
हमें इस पदार्थ को लेकर न सिर्फ खुद जागरूक होना पड़ेगा बल्कि जनता तथा अपने देश की सरकार का भी इस ओर ध्यान दिलाना होगा ताकि अन्य बेकरी उत्पाद बनाने वाली कंपनियाँ भी इस पदार्थ का इस्तेमाल करना बंद करें। इसे प्रतिबंधित किया जाए। आखिर ये हमारे देश की जनता की सेहत का सवाल है।
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