^ छोटी-मोटी परेशानियों के लिए घरेलू नुस्खे
* कांच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।
* घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें।
* तुतलापन दूर करने के लिए रात को सोने से पांच मिनट पूर्व दो ग्राम भुनी फिटकरी मुंह में रखें।
* बच्चों का पेट दर्द होने पर अदरक का रस, पांच ग्राम तुलसी पत्र घोटकर, औटाकर बच्चों को तीन बार पिलाएं।
* सर्दियों में बच्चों की सेहत के लिए तुलसी के चार पत्ते पीसकर 50 ग्राम पानी में मिलाएं। सुबह पिलाएं।
* आमाशय का दर्द तुलसी पत्र को चाय की तरह औटाकर सुबह-सुबह लेना लाभदायक।
* सीने में जलन हो तो पावभर ठंडे जल में नीबू निचोड़कर सेवन करें।
* शराब ज्यादा पी ली हो तो छह माशा फिटकरी को पानी/दूध में मिलाकर पिला दें या दो सेबों का रस पिला दें।
* अरहर के पत्तों का रस पिलाने से अफीम का नशा कम हो जाता है।
* आधी छटांक अरहर दाल पानी में उबालकर उसका पानी पिलाने से भांग का नशा कम हो जाता है।
* केला हजम करने के लिए दो छोटी इलायची काफी होती है।
* आम ज्यादा खा लिए हों तो हजम करने के लिए थोड़ा सा नमक सेवन कीजिए।
* मुंह से बदबू आने पर मोटे अनार का छिलका पानी में उबालकर कुल्ले करें।
* हिचकी आने पर पोदीने के पत्ते या नीबू चूस लें।
* वजन घटाने हेतु गरम जल में शहद व नीबू मिलाकर सेवन करें।
* कान/दांत दर्द, खांसी व अपचन में जीरा व हींग 1/1-2 मात्रा में सेवन करें।
* जख्मों पर पड़े कीड़ों का नाश करने के लिए हींग पावडर बुरक दें।
* दाढ़ दर्द के लिए हींग रूई के फाहे में लपेटकर दर्द की जगह रखें।
* शीत ज्वर में ककड़ी खाकर छाछ सेवन करें। शराब की बेहोशी में ककड़ी सेवन कराएं।
आजीवन स्वस्थ रहने के खास नुस्सके -----
(१)खड़े -खड़े पानी पीने से घुटनों में दर्द की बीमारी होती है इसलिए खाना पीना बैठ कर करना चाहिए .
(२)नक्क्सीर आने पर तुरंत नाक में देशी घी लगाना चाहिए ,नाक से खून आना तुरंत बंद हो जाता है
(३)बच्चों को पेशाब ना उतारे तो स्नान घर में ले जाकर टूटी खोल दें पानी गिराने की आवाज़ सुनकर
बच्चे का पेशाब उतर जायेगा
(४)बस में उलटी आती हो तो सीट पर अखबार रखकर बैठने से ,उलटी नहीं आती
(५)कद बढ़ाने के लिए अश्वगंधा व मिश्री बराबर मात्र में चूरन बना कर १ चम्मच भोजन के बाद लें
(६)बाल गिरने लगें हों तो १००ग्राम नारियल तेल में १०ग्राम देशी कपूर मिलाकर जड़ों में लगायें
(७)सर में खोरा हो ,शरीर पर सूखी खुजली हो तो भी इसी तेल को लगाने से लाभ मिलता है
(८)दिन में दो बार खाना ,तो दो बार शौच भी जाना चाहिए ,क्योंकि "रुकावट" ही रोग होता है
(९)आधा सर दर्द होने पर,दर्द होने वाली साईड की नाक में २-३ बूँद सरसों का तेल जोर से सूंघ लें
(१०)जुकाम होने पर सुहागे का फूला १ चम्मच ,गर्म पानी में घोल कर पी लें १५ मिनट में जुकाम गायब
(११)चहरे को सुन्दर बनाने के लिए १चम्म्च दही में २ बूंद शहद मिला कर लगायें १० मिनट बाद धो लें
(१२)इसी नुसखे को पैरो की बिवाईयों में भी प्रयोग कर सकतें हैं ,लाभ होगा
(१३)हाई बी.पी. ठीक करने के लिए १ चम्मच प्याज़ का रस में १ चम्मच शहद मिलाकर चाटें (सुगर के रोगी भी
ले सकतें हैं)
(१४)लो बी.पी.ठीक करने के लिए ३२ दाने किसमिस के रात को कांच के गिलास में भिगो दें सुबह १-१ दाना चबा-चबा कर खाएं (रोज़ ३२ दाने खाने हैं ३२ दिनों तक)
(१५)कब्ज़ ठीक करने के लिए अमलताश की फली (२ इंच)का काढ़ा बनाकर शाम को भोजन के बाद पियें
(१६)कमर में दर्द होने पर १०० ग्राम खसखस में १०० ग्राम मिश्री मिला कर चूर्ण बनायें,भोजन के बाद १ चम्मच गर्म दूध से लें
(१७)सर चक्कर आने पर १ चम्मच धनियाँ चूर्ण में १ चम्मच आंवला चूर्ण मिलाकर ठन्डे पानी से लें
(१८)दांतों में दर्द होने पर १ चुटकी हल्दी ,१ चुटकी काला नमक ,५ बूंद सरसों तेल मिलाकर लगायें
(१९)टौंसिल होने पर अमलताश की फली के काढ़े से गरारे करें ,ठीक हो जायेगें
(२०)ऍम.सी.के दिनों में १चम्मच अजवायन का काढ़ा ३-४ दिन पीयें ,इससे सम्बंधित सभी तकलीफों से रहत मिलेगी
नेत्र रोग
========
* यदि आपको चश्मा लग गया है और आंखें कमजोर हैं तो रोज रात तीन मुनक्का पानी में गला दें। सुबह काली मिर्च के तीन दानों के साथ चबाएं। आंखों की कमजोरी मिट जाएगी।
* आँवला, हरड़ और बहेड़ा को हल्का-सा कूटकर रात्रि में पानी में डालकर रख दें। प्रात: उसे थोड़ा-सा मलकर किसी वस्त्र से छानकर, उस पानी के पीने से नेत्रों आंख संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन ‘सी’ मिलता है।
गठिया या आमवात
========
* कच्चे नारियल का रस निकाल कर धीमी आंच पर पकाने के बाद उसमें से तेल निकलेगा। उस तेल में पीसी हुई काली मिर्च और राई मिला कर गठिया से ग्रस्त जोड़ों पर मालिश करने से लाभ होता है।
* गठिया पर करेले के रस को लगाने के साथ उसकी सब्जी खाने से लाभ होता है। यदिजोड़ों में दर्द हो तो करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।
भूख न लगना (अरुचि)
================
* खाने के बाद 250 ग्राम ताजा अमरूद खाने से भी भूख बढ़ जाती है।
* पीपल, काली मिर्च, सोंठ, जीरा एवं सेंधा नमक सभी को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद आधा चम्मच तक चूर्ण खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और भूख खुलकर आने लगती है।
मधुमेह
========
* मधुमेह रोगी को शलजम की सब्जी प्रतिदिन भोजन के साथ लेने से राहत मिलती है। शलजम के मौसम में शलजम काट कर धूप में सूखा लीजिये। बेमौसम में इसका इस्तेमाल करते रहें।
* गुड़मार के पत्ते मधुमेह नाशक हैं। इसके पत्तों का 2-2 ग्राम चूर्ण सुबह व रात को बिना चीनी के दूध के साथ लेने से मधुमेह के मरीज को फायदा होता है।
-------------
मेरा हमेशा से यह प्रयास रहता है कि मैं अपने अनुभव को आपसे बांटू जिन्हें मैंने श्रेष्ठ संतों से प्रसाद स्वरूप पाया है हां मानना न मानना आपकी मर्जी है और Second Opinion लेना आापका अधिकार है, ये हमेशा याद रखें। परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि आप सुखी रहे और यह शोध आपके काम आए।
* कांच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।
* घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें।
* तुतलापन दूर करने के लिए रात को सोने से पांच मिनट पूर्व दो ग्राम भुनी फिटकरी मुंह में रखें।
* बच्चों का पेट दर्द होने पर अदरक का रस, पांच ग्राम तुलसी पत्र घोटकर, औटाकर बच्चों को तीन बार पिलाएं।
* सर्दियों में बच्चों की सेहत के लिए तुलसी के चार पत्ते पीसकर 50 ग्राम पानी में मिलाएं। सुबह पिलाएं।
* आमाशय का दर्द तुलसी पत्र को चाय की तरह औटाकर सुबह-सुबह लेना लाभदायक।
* सीने में जलन हो तो पावभर ठंडे जल में नीबू निचोड़कर सेवन करें।
* शराब ज्यादा पी ली हो तो छह माशा फिटकरी को पानी/दूध में मिलाकर पिला दें या दो सेबों का रस पिला दें।
* अरहर के पत्तों का रस पिलाने से अफीम का नशा कम हो जाता है।
* आधी छटांक अरहर दाल पानी में उबालकर उसका पानी पिलाने से भांग का नशा कम हो जाता है।
* केला हजम करने के लिए दो छोटी इलायची काफी होती है।
* आम ज्यादा खा लिए हों तो हजम करने के लिए थोड़ा सा नमक सेवन कीजिए।
* मुंह से बदबू आने पर मोटे अनार का छिलका पानी में उबालकर कुल्ले करें।
* हिचकी आने पर पोदीने के पत्ते या नीबू चूस लें।
* वजन घटाने हेतु गरम जल में शहद व नीबू मिलाकर सेवन करें।
* कान/दांत दर्द, खांसी व अपचन में जीरा व हींग 1/1-2 मात्रा में सेवन करें।
* जख्मों पर पड़े कीड़ों का नाश करने के लिए हींग पावडर बुरक दें।
* दाढ़ दर्द के लिए हींग रूई के फाहे में लपेटकर दर्द की जगह रखें।
* शीत ज्वर में ककड़ी खाकर छाछ सेवन करें। शराब की बेहोशी में ककड़ी सेवन कराएं।
आजीवन स्वस्थ रहने के खास नुस्सके -----
(१)खड़े -खड़े पानी पीने से घुटनों में दर्द की बीमारी होती है इसलिए खाना पीना बैठ कर करना चाहिए .
(२)नक्क्सीर आने पर तुरंत नाक में देशी घी लगाना चाहिए ,नाक से खून आना तुरंत बंद हो जाता है
(३)बच्चों को पेशाब ना उतारे तो स्नान घर में ले जाकर टूटी खोल दें पानी गिराने की आवाज़ सुनकर
बच्चे का पेशाब उतर जायेगा
(४)बस में उलटी आती हो तो सीट पर अखबार रखकर बैठने से ,उलटी नहीं आती
(५)कद बढ़ाने के लिए अश्वगंधा व मिश्री बराबर मात्र में चूरन बना कर १ चम्मच भोजन के बाद लें
(६)बाल गिरने लगें हों तो १००ग्राम नारियल तेल में १०ग्राम देशी कपूर मिलाकर जड़ों में लगायें
(७)सर में खोरा हो ,शरीर पर सूखी खुजली हो तो भी इसी तेल को लगाने से लाभ मिलता है
(८)दिन में दो बार खाना ,तो दो बार शौच भी जाना चाहिए ,क्योंकि "रुकावट" ही रोग होता है
(९)आधा सर दर्द होने पर,दर्द होने वाली साईड की नाक में २-३ बूँद सरसों का तेल जोर से सूंघ लें
(१०)जुकाम होने पर सुहागे का फूला १ चम्मच ,गर्म पानी में घोल कर पी लें १५ मिनट में जुकाम गायब
(११)चहरे को सुन्दर बनाने के लिए १चम्म्च दही में २ बूंद शहद मिला कर लगायें १० मिनट बाद धो लें
(१२)इसी नुसखे को पैरो की बिवाईयों में भी प्रयोग कर सकतें हैं ,लाभ होगा
(१३)हाई बी.पी. ठीक करने के लिए १ चम्मच प्याज़ का रस में १ चम्मच शहद मिलाकर चाटें (सुगर के रोगी भी
ले सकतें हैं)
(१४)लो बी.पी.ठीक करने के लिए ३२ दाने किसमिस के रात को कांच के गिलास में भिगो दें सुबह १-१ दाना चबा-चबा कर खाएं (रोज़ ३२ दाने खाने हैं ३२ दिनों तक)
(१५)कब्ज़ ठीक करने के लिए अमलताश की फली (२ इंच)का काढ़ा बनाकर शाम को भोजन के बाद पियें
(१६)कमर में दर्द होने पर १०० ग्राम खसखस में १०० ग्राम मिश्री मिला कर चूर्ण बनायें,भोजन के बाद १ चम्मच गर्म दूध से लें
(१७)सर चक्कर आने पर १ चम्मच धनियाँ चूर्ण में १ चम्मच आंवला चूर्ण मिलाकर ठन्डे पानी से लें
(१८)दांतों में दर्द होने पर १ चुटकी हल्दी ,१ चुटकी काला नमक ,५ बूंद सरसों तेल मिलाकर लगायें
(१९)टौंसिल होने पर अमलताश की फली के काढ़े से गरारे करें ,ठीक हो जायेगें
(२०)ऍम.सी.के दिनों में १चम्मच अजवायन का काढ़ा ३-४ दिन पीयें ,इससे सम्बंधित सभी तकलीफों से रहत मिलेगी
नेत्र रोग
========
* यदि आपको चश्मा लग गया है और आंखें कमजोर हैं तो रोज रात तीन मुनक्का पानी में गला दें। सुबह काली मिर्च के तीन दानों के साथ चबाएं। आंखों की कमजोरी मिट जाएगी।
* आँवला, हरड़ और बहेड़ा को हल्का-सा कूटकर रात्रि में पानी में डालकर रख दें। प्रात: उसे थोड़ा-सा मलकर किसी वस्त्र से छानकर, उस पानी के पीने से नेत्रों आंख संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन ‘सी’ मिलता है।
गठिया या आमवात
========
* कच्चे नारियल का रस निकाल कर धीमी आंच पर पकाने के बाद उसमें से तेल निकलेगा। उस तेल में पीसी हुई काली मिर्च और राई मिला कर गठिया से ग्रस्त जोड़ों पर मालिश करने से लाभ होता है।
* गठिया पर करेले के रस को लगाने के साथ उसकी सब्जी खाने से लाभ होता है। यदिजोड़ों में दर्द हो तो करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।
भूख न लगना (अरुचि)
================
* खाने के बाद 250 ग्राम ताजा अमरूद खाने से भी भूख बढ़ जाती है।
* पीपल, काली मिर्च, सोंठ, जीरा एवं सेंधा नमक सभी को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद आधा चम्मच तक चूर्ण खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और भूख खुलकर आने लगती है।
मधुमेह
========
* मधुमेह रोगी को शलजम की सब्जी प्रतिदिन भोजन के साथ लेने से राहत मिलती है। शलजम के मौसम में शलजम काट कर धूप में सूखा लीजिये। बेमौसम में इसका इस्तेमाल करते रहें।
* गुड़मार के पत्ते मधुमेह नाशक हैं। इसके पत्तों का 2-2 ग्राम चूर्ण सुबह व रात को बिना चीनी के दूध के साथ लेने से मधुमेह के मरीज को फायदा होता है।
-------------
मेरा हमेशा से यह प्रयास रहता है कि मैं अपने अनुभव को आपसे बांटू जिन्हें मैंने श्रेष्ठ संतों से प्रसाद स्वरूप पाया है हां मानना न मानना आपकी मर्जी है और Second Opinion लेना आापका अधिकार है, ये हमेशा याद रखें। परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि आप सुखी रहे और यह शोध आपके काम आए।
No comments:
Post a Comment