सेहत और खानपान से जुड़े कुछ सवालों के जवाब मिलना आसान नहीं होता। और अलग-अलग लोगों की अलहदा राय इन जवाबों को और मुश्किल बना देती है। किसी की नजर में कोई चीज सही है, तो दूसरा जानकार उसके ठीक उलट बात करता है। अब कई लोगों की नजर में कार्बोहाइड्रेट आपको मोटा बना सकता है, तो कुछ की नजर में यह बहुत जरूरी है। कोई किसी व्यायाम को वजन कम करने के लिए सही मानता है, तो किसी दूसरे व्यक्ति की राय इससे जुदा हो सकती है। कोई किसी को फैट बर्न का नायाब नुस्खा मानता है, तो किसी की नजर में उसके तरीके से अच्छा कुछ है ही नहीं। और ऐसा ही एक सवाल है कि क्या अण्डे की सफेदी ज्यादा अच्छी होती है या फिर पूरा अण्डा खाया जा सकता है।
पौष्टिक नाश्ते की सूची में सबसे ऊपर की पंक्ति में आता है अण्डा। लेकिन, इसका कौन सा हिस्सा खाया जाए और कौन सा नहीं, इस पर एक राय नहीं है। अण्डे के पीले हिस्से को कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा के कारण सेहत के लिए नुकसानदेह बताया जाता है। और तो और इसमें वसा की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है।
तो चलिये, सफेद और पीले के बीच बंटे अण्डे के पोषक तत्वों पर एक नजर डालते हैं। हो सकता है कि इस लेख को पढ़ने के बाद अण्डे के योक के बारे में आपकी सोच में कुछ बदलाव आये। और आप मान जाएं कि यह योक उतना भी बुरा नहीं होता, जितना कि आप समझते आए हैं।
सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ही नहीं, पोषण भी है
आपकी बात मान लेते हैं। अण्डे के योक में कोलेस्ट्रॉल और वसा होती है। लेकिन, इसके साथ ही इसमें सभी जरूरी पोषक तत्त्व भी मौजूद होते हैं। हालांकि, कुछ लोग अण्डे के पीले हिस्से से दूर रहते हैं। उन्हें लगता है कि वसा और कोलेस्ट्रॉल से भरा यह हिस्सा उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन, वह यह भूल जाते हैं कि वास्तव में यह हिस्सा आपकी सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है। और तो और अण्डों के सेवन और दिल की बीमारी के बीच कहीं कोई संबंध नहीं है और न ही था।
कोलेस्ट्रॉल के बावजूद फायदेमंद
अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के शोधकर्ता भी इस बात का समर्थन करते हैं कि आपकी सेहत के लिए अण्डा शानदार होता है। उनका कहना है कि कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा के बावजूद अण्डे में शरीर के लिए फायदेमंद तमाम पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
शोध में हुआ साबित
अपनी बात को साबित करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया। उन्होंने एक समूह को अण्डों के जरिये अतिरिक्त 640 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल दिया गया। यह बात ध्यान रखने वाली है कि हर योक में करीब 200 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। शोध के परिणाम उन पुरानी मान्यताओं के बिलकुल उलट थे, जो अण्डे के पीले हिस्से को स्वास्थ्य के लिए अहितकर बताते थे। शोध में यह बात सामने आयी कि जिन लोगों ने योक वाले अण्डे का सेवन किया था, उनके शरीर में गुड कोलस्ट्रॉल यानी एचडीएल का स्तर उन लोगों की अपेक्षा काफी अधिक था, जिन लोगों ने अण्डे के योक से कोलेस्ट्रॉल का उपभोग नहीं किया था।
कोलेस्ट्रॉल इतना बड़ा विलेन नहीं
आपने देखा कि आहार के जरिये लिया जाने वाला कोलेस्ट्रॉल सीधा आपकी धमनियों में गया। लेकिन, उसके बावजूद गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई। यानी यह बात साफ हो गई कि आहार के जरिये लिया जाने वाला कोलेस्ट्रॉल, रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने या दूसरे शब्दों में कहें तो दिल की बीमारियों के लिए बहुत ज्यादा उत्तरदायी नहीं होता। 2007 में प्रकाशित एक अन्य शोध में भी यह कहा गया था कि अण्डा दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे में इजाफा नहीं करता। इसमें कहा गया कि सप्ताह में छह या उससे ज्यादा अण्डे यानी रोजाना एक अण्डा खाने से दिल पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
कोलेस्ट्रॉल का दिल पर असर
अभी तक दिल की बीमारियों के लिए कोलेस्ट्रॉल का कुल स्तर उतना भी अधिक मायने नहीं रखता, जितना कि माना जाता है। इसमें यह बात ध्यान रखने की है कि दिल की बीमारियों से ग्रस्त होने वाले करीब 35 फीसदी मरीजों का कोलेस्ट्रॉल स्तर खतरे के निशान से नीचे होता है। तो कोलेस्ट्रॉल के सेवन में जरा सी बढ़ोत्तरी इतनी खतरनाक नहीं।
शरीर खुद बनाता है कोलेस्ट्रॉल
जब आप आहार के जरिये कोलेस्ट्रॉल लेते हैं, तो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के निर्माण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। और इसी तस्वीर को अगर उलटकर देखा जाए, तो यदि आप कोलेस्ट्रॉल का सेवन नहीं करते हैं, तो शरीर इसका जरूरत से ज्यादा निर्माण करने लगता है। ऐसा वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए करता है।
पोषक तत्त्वों का खजाना
कोलेस्ट्रॉल की चिंता को एक ओर रख कर देखें तो अण्डे में कई पोषक तत्त्व होते हैं। इनमें से कई पोषक तत्त्व ऐसे होते हैं, जो आपको अन्य खाद्य पदार्थों से नहीं मिलते। कोलाइन (choline) ऐसा ही जरूरी पोषक तत्व है, जो दिमाग की सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। कारोटेंऑयड्स (carotenoids), आंखों के लिए और जिक्सनथिन (zeaxanthin), जो एक एंटी ऑक्सीडेंट है, जैसे गुणकारी तत्व भी होते हैं। ये तो केवल बानगी है, जरा से अण्डे में मौजूद पोषक तत्वों की सूची तो बहुत लंबी है।
वजन घटाये अण्डा
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी ने अपने एक शोध में कहा है कि नाश्ते में रोजाना दो अण्डे खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। यह बात तो सब जानते हैं और इस शोध ने भी इस पर अपनी मुहर लगाई है। शोध में यह बात सामने आई कि नाश्ते में अण्डे खाने वालों का वजन 65 फीसदी अधिक कम हुआ वहीं उनकी कमर के आकार में भी 34 फीसदी अधिक की कमी आई।
अब भी दुविधा में हैं?
अगर आप अब भी इस दुविधा में कि अण्डे का पीलापन खाया जाए या नहीं, तो फिर इन बातों को ध्यान रखें-
1. अण्डे के पीले हिस्से में 13 जरूरी पोषक तत्व होते हैं, वहीं सफेद हिस्से में प्रोटीन के सिवाय और कुछ नहीं होता।
2. आहार के जरिये लिया जाने वाला कोलेस्ट्रॉल उतना बुरा नहीं, जितना कि आप सोचते चले आए हैं।
3. अण्डा वजन कम करने में समान कैलोरी युक्त कार्बोहाइड्रेट वाला नाश्ते से अधिक कारगर होता है।
तो, अब आप समझ गए होंगे कि अण्डे का पीला हिस्सा वास्तव में सफेद से ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन, इस बात का भी ध्यान रखें कि हर चीज का सेवन सीमा में ही अच्छा होता है और अण्डा अपवाद नहीं। खानपान की आपकी अन्य आदतों, जीवनशैली और अन्य कई कारण आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। तो आपको कितना और कैसे अण्डे का सेवन करना चाहिए इसके लिए अपने आहार विशेषज्ञ अथवा डॉक्टर से बात जरूर करें।
1. अण्डे के पीले हिस्से में 13 जरूरी पोषक तत्व होते हैं, वहीं सफेद हिस्से में प्रोटीन के सिवाय और कुछ नहीं होता।
2. आहार के जरिये लिया जाने वाला कोलेस्ट्रॉल उतना बुरा नहीं, जितना कि आप सोचते चले आए हैं।
3. अण्डा वजन कम करने में समान कैलोरी युक्त कार्बोहाइड्रेट वाला नाश्ते से अधिक कारगर होता है।
तो, अब आप समझ गए होंगे कि अण्डे का पीला हिस्सा वास्तव में सफेद से ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन, इस बात का भी ध्यान रखें कि हर चीज का सेवन सीमा में ही अच्छा होता है और अण्डा अपवाद नहीं। खानपान की आपकी अन्य आदतों, जीवनशैली और अन्य कई कारण आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। तो आपको कितना और कैसे अण्डे का सेवन करना चाहिए इसके लिए अपने आहार विशेषज्ञ अथवा डॉक्टर से बात जरूर करें।