Tuesday, May 20, 2014

रंगीन आहार है सेहत का आधार



रंगीन खाद्य पदार्थ
हर रंग कुछ कहता है, यह बात सेहत पर भी लागू होती है। अलग-अलग रंगों के फल और सब्जियों की अपनी अलग ही खूबी होती है। यह खूबियां ही उन्‍हें दूसरों से अलग बनाती है। शरीर को भी उन फलों और सब्जियों की जरूरत होती है जिसमें  एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। गहरे लाल, गुलाबी और नारंगी रंग में फायटोकेमिकल भारी मात्रा में मिलते हैं जो शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाते हैं। आइए जानें किस  रंग के फल या सब्‍जी में कौन सी खूबी है और उसका हमारी सेहत पर क्‍या असर पड़ता है।






रंगीन खाद्य पदार्थों में पोषक तत्‍व
फल और सब्जियां प्राकृतिक रूप से जितने रंगीन होते हैं, वे उतने ही अधिक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। रंगीन फल या सब्जियों में बीटा-कैरोटीन, विटामिन बी समेत विभिन्न पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि प्राकृतिक रंगों से भरपूर फल और सब्जी में एंटीऑक्सिडेंट विटामिन और मिनरल मौजूद होते हैं जो शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचाते हैं। इसके अलावा अलग-अलग रंगों के खाद्य पदार्थ आपके शरीर के अलग-अलग हिस्सों को फायदा पहुंचाते हैं।

हरे रंग के खाद्य पदार्थ
ब्रोकोली, गोभी, पालक जैसी हरी सब्जियों में विटामिन बी और मिनरल होते हैं। इनके सेवन से मानसिक तनाव कम होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। इसके अलावा हरे फल और सब्जियों में लूटिन नामक फायटोकेमिकल भी होते हैं, जो लीवर की रक्षा करते हैं। इसलिए हरे रंग को अपने नियमित आहार का हिस्‍सा बनाये। 













लाल रंग के फल और सब्जियां
टमाटर, तरबूज, लाल-गोभी इस श्रेणी में आते हैं। इनमें फाइटोकेमिकल्‍स और लाइकोपीन नामक रसायन भी होता है जो किसी भी प्रकार की आंतरिक क्षति या सूरज की किरणों से होने वाली त्‍वचा की क्षति से सुरक्षा करता है। इसके अलावा दिल की रक्षा भी करता है। स्ट्रॉबेरी, रसबेरी तथा बीटरूट में एंथोसायनिन पाए जाते हैं। यह फायटोकेमिकल्स का ही एक समूह है, जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है और डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं से बचाव करता है।













पीले रंग सब्जियां और फल
पीले रंग के खाद्य पदार्थों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता हैं, यह मुक्त कण का मुकाबला कर शरीर में सूजन को कम करने, एलर्जी को रोकने और स्‍वस्‍थ त्‍वचा के लिए फायदेमंद होता है। पीले रंग के फल में कैरोटिनायड और विटामिन एक प्रचुर मात्रा में होता है जो ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम करते है। पीले रंग के खाद्य पदार्थों में नींबू, अनानास, पीली शिमला मिर्च, और अंगूर शामिल हैं।

काले रंग के खाद्य पदार्थ
बेशक काले रंग के कपड़े लोगों को पसंद होते हैं लेकिन खान-पीने के मामले में काला रंग आमतौर पर लोगों को पसंद नहीं होता है। लेकिन य‍कीन मानिए, काले रंग के आहार आपके किडनी के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसलिए मुनक्‍का और काले जैतून को सेवन अपने आहार में करें। इसके अलावा काले रंग की गाजर में प्रचुर मात्रा में एंथासाइनीन पाया जाता है, जो शरीर में कोलेस्‍ट्राल को कम करता है।

जामुनी सब्जियां और फल
जामुनी फल-सब्जियों को अपने आहार में शामिल करना मस्तिष्‍क के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा होता है। इसके लिए अंगूर, प्याज, जामुनी रंग की पत्तागोभी, बैंगन आदि को अपने आहार में शामिल करें। इसके अलावा ब्लूबेरी एंटी-ऑक्सिडेंट को बहुत अच्‍छा स्रोत है। ये दिल की बीमारी और कैंसर की आशंका को कम करती हैं और शरीर में बैक्टीरिया को जमा होने से भी रोकती हैं।

सफेद सब्जियां और फल
सफेद रंग की सब्जियां आपके फेफड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स, सल्फर आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता हैं। सफेद रंग के खाद्य पदार्थों में कुएर्स्टिन नामक पोषक तत्व होता है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता हैं। इसके अलावा आलू, लहसुन, सफेद मशरूम आदि का सेवन करने से उच्‍च रक्‍तचाप के रोगियों का ब्‍लड प्रेशर सामान्‍य रहता है।

नारंगी सब्जियां और फल
नारंगी रंग के खाद्य पदार्थ बीटा कैरोटीन से उच्‍च होते हैं, इसके अलावा इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन ए भी प्रचुर मात्रा में होता है। प्‍लीहा को सुरक्षित रखने के लिए भी नारंगी रंग के खाद्य पदार्थ खाने चाहिए क्‍योंकि संतरों में पाया जाने वाला भरपूर मात्रा में विटामिन सी और कुछ मात्रा में विटामिन ए, प्‍लीहा के लिए अच्‍छा होता है। इसके अलावा गाजर, कद्दू, शक्‍करकंद जैसी सब्जियां में बीटा कैरोटीन आंखों और त्‍वचा के लिए अच्‍छा होता है।
मौसम के अनुसार फलों और सब्जियों का सेवन
स्‍वस्‍थ आहारों के सेवन से बहुत सी बीमारियों को खतरा कम हो जाता है। लेकिन इन सब आहारों को लेते समय एक बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि मौसम के अनुसार ही रंगीन सब्जियों और फलों का सेवन करें। मौसम के अनुसार ही सही मात्रा में व सही समय पर फलों का सेवन करें।


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