हस्तमैथुन से जुड़े तथ्य
हस्तमैथुन एक सामान्य क्रिया है। यह किसी व्यक्ति के निजी अंगों में स्व यौन उत्तेजना का एक माध्यम है। इसे लेकर अधिक संशय अथवा ग्लानि पालने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि इसे लेकर खुले में चर्चा नहीं की जाती, और शायद यही वजह है कि इसे लेकर कई मिथ और गलत धारणायें प्रचलित हैं। ये धारणायें पीढ़ी दर पीढ़ी चली आती हैं और धीरे-धीरे समाज में इनकी जड़ें बहुत गहरी हो जाती हैं।
महिलाओं में भी सामान्य
आमतौर पर हस्तमैथुन को पुरुषों से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि महिलायें हस्तमैथुन नहीं करतीं। महिलायें भी काम की अधिकता होने पर हस्तमैथुन के जरिये खुद को रिलीव करती हैं।
हस्तमैथुन के लाभ
वीर्य स्खलन से राहत
वीर्य स्खलन के जरिये आपको काफी राहत मिल सकती है। कामोत्तेजना की अधिकता होने पर हस्तमैथुन करने से राहत मिलती है। इससे वे मानसिक रूप से हल्का महसूस करने लगते हैं।
आनंददायक चरमोत्कर्ष
हस्तमैथुन मस्ती और खुशी के लिए चरमोत्कर्ष हासिल करने का एक स्वस्थ और सुरक्षित तरीका माना जाता है। इसमें व्यक्ति बिना किसी साथी के भी चरमोत्कर्ष हासिल कर लेता है।
नींद लाए
हस्तमैथुन को नींद के लिए अच्छा माना जाता है। यह नींद न आने की शिकायत को दूर करने में मदद करता है। ऐसा पाया गया है कि अगर रात को नींद न आ रही हो, तो हस्तमैथुन करने से नींद आ जाती है।
तनाव दूर कर दिलाये आराम
हस्तमैथुन से सेक्स जैसे ही लाभ मिलने की बात कही जाती है। जिस प्रकार सेक्स तनाव को दूर करने में मदद करता है, वैसे ही हस्तमैथुन के जरिये भी आपको तनाव दूर करने में मदद मिलती है।
हस्तमैथुन के नुकसान
ऐसा नहीं है कि हस्तमैथुन से केवल लाभ ही होते हैं। किसी भी चीज की अधिकता आपको नुकसान पहुंचा सकती है। हस्तमैथुन कोई अपवाद नहीं है। हस्तमैथुन अगर आपकी लत बन चुका है, तो यह आपको कई नुकसान पहुंचा सकता है।
हस्तमैथुन से कम होते हैं शुक्राणु
नियमित हस्तमैथुन करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की बात मानी जाती है। इसका असर उनके पिता बनने की क्षमता पर भी पड़ता है।
संतुष्टि में कमी
नियमित रूप से हस्तमैथुन करने से आपको संतुष्ट होने में अधिक समय लगता है। इसके साथ ही आपका वीर्य स्खलित होने का समय भी बढ़ जाता है।
सूजन का खतरा
हस्तमैथुन करते समय अधिक जोर लगाने से काफी परेशानी हो सकती है। इससे लिंग में सूजन की शिकायत हो सकती है। इससे आपको काफी दर्द हो सकता है।
हस्तमैथुन से जुड़े मिथ
हस्तमैथुन को लेकर समाज में कई तरह के मिथ प्रचलित हैं। ये मिथ सत्य से दूर हैं, इन मिथ का न तो कोई वैज्ञानिक आधार होता है और न ही कोई साक्ष्य। लेकिन फिर भी लोग इन पर विश्वास करते हैं।
हस्तमैथुन से हाथों पर बाल!
यह बात पूरी तरह से बेबुनियाद है। कई लोग इस तरह की बात करते हैं कि हस्तमैथुन करने से हाथों पर बाल हो सकते हैं। न तो इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार है और न ही अब तक कोई ऐसा मामला ही सामने आया है। यानी इस बात में कोई सच्चाई नहीं है।
उत्तेजना में कमी
इस बारे में अभी तक साक्ष्यों का अभाव है कि नियमित रूप से हस्तमैथुन करने से पुरुष उत्तेजना में कमी आती है। कई विज्ञापन हस्तमैथुन के इस नुकसान की बात करते हैं, लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई वैज्ञानिक साक्ष्य सामने नहीं आया है।
कितना सही
अक्सर इस बारे में सवाल उठते हैं कि आखिर कितनी बार हस्तमैथुन करना सही रहता है। हालांकि इसे लेकर कोई निश्चित संख्या नहीं है। हर व्यक्ति दर व्यक्ति निर्भर करता है। हालांकि सप्ताह में तीन से सात बार तक हस्तमैथुन करना औसत माना जाता है।
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