राजस्थानी भासा रौ नामकरण
करनल जेम्स टॉड राजस्थान सारू जद राजस्थान सबद रौ पेैली वार प्रयोग करियौ तो विणरै पछै औ सबद होलै-होलै प्रदेस रा अरथ में रूढ़ व्हेण लागौ। संभवतः इणसूं ई प्रभावित व्हेय'र ग्रियरसन आपरा भासा सरवेक्सण (ई. सं. 1907-08) में इण प्रदेस री भासा सारू राजस्थानी नाम रौ प्रोयग करियौ। जिणरै पछै एल. पी. टेसीटोरी अर दूजा विद्वानां लगोतार अपणायौ। राजस्थानी भारोपीय परिवार री भासा है। आधुनिक विद्वानं जिण तरै सूं आधुनिक भासावां रौ नामकरण करियौ. विण ईज आधार माथै राजस्थानी भासा रौ नामकरण भी व्हियौ। जिणरौ आधार राजस्थान है। खास तौर सूं तौ राजस्थानी भासी लोग भारत संघ में राजस्थान नाम रा राज्य में ही है। पण आधुनिक राजस्थान रै गठन सूं पैला अर अंगरेजी राज री वगत अर मुगल राज अर विणसूं पैला जका लोग णि खेतर में हा सासक कै सासित जिण रूप में भी वांरी भासी भी वै ठै भी भारत कै विस्व रा किसा भी देस मं गया उठा साथै लेगा. जिणनै आपरां संस्कारां में ुखाल राखी। कठै-कठै ई वगत अर परिस्थितियां री रज जरुर जमगी, जिणनै झाटक'र विणरा मूल रूप नैं देखियौ जा सकै, जिणनै भारत अर आखी दुनिया रा भासा वैग्यानिक राजस्थानी भासा रै नाम सूं बतलावै। ऐ प्रवासी राजस्थानी जिण दांण अठै सूं गया दत अठै री भासा रौ नाम मारूभासा, मरूभासा, मरुभूमि भासा, मरुदेसीया भासा, मरुवाणी इत्याद नामां सूं जांणीजती ही। राजस्थषान अर राजस्थानी इण ही परंपरा रौनाम है। इणनै इण तरै भी समझियौ जा सकै। रज बारीक रेत नैं कैवे। रज+स्थान = राजस्थान मतलब रे रौ स्थान जकौ खास कर'र भगवान राम रा अग्नि बांण सूं सुखाईजियौ थकौ पांई रौ समन्दर में बदलग्यौ। जिण खेतर में वैदिक सरस्वती, हाकड़ा अबार घग्धर नामां सूं संबोधित की जावण वाली नदी वहती ही। जिणनै दुनिया रा नक्सा में राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, वाकिस्तान में फेलिया थका रेगिस्तान रा रूप में देखियौ जा सकै। विणरी भासा रौ नाम राजस्थानी है। श्री शिवकुमार श्री वास्तव रा सबदां में राजस्थानी सगला राजस्थान री भासा है। इणरै मांय भूमि, भासा, रैणी-सैणी, विचार, व्यवहरा अर इतिहास री दीठ सूं दिखयाद में सतपुडा रा ढाल अर ताप्ती नदी तांी अर अगूणी (पूर्व) दिस में केतकी नदी री ऊपरी धारा सूं आथूण (पश्चिम) में उमरकोट सहित सिंघ नदी री अगूणी धारा तक रा सगला हिस्सा नैं लियौ जावणौ चावै। इस भासा में अबार री राज्य री बोलियों रै साथै ही मध्यप्रदेश रा मालवा खेतर (क्षेत्र) री मालवी, पहाड़ी प्रदेसां री भीली, पंजाबा अर कस्मीर री गूजरी, अर बिणजारां अर बालदियां इत्याद खानाबदोस जातियां री सगली बोलियां मांनीजै। गुजराती विद्वान झवेरचन्द मेघाणी रा सबदां में "इण जमाना रौ परदौ उठाय'रजे आप आगे बढ़ौ तौ आपने कच्छ काठियावाड़ सूं लेय'र प्रयाग तक रा भूखण्ड पर फैली एक भासा दीखसी। इण पसरी थकी बोलचाल री भासा रौ नाम प्राचीन राजस्थानी है। इण में ही मेड़ता री मीरां प्रभुपद रचती। नरसी मेहतौ गिरनार री तलेटी में बैठ'र प्रभुपद रचतौ, जकौ जातरुऔं रा कंठ में वास कर'र जोधपुर, उदैपुर पौच जावता। इणरी पुत्रियां ब्रजभासा, गुजराती अर आधुनिक राजस्थानी रौ नाम धारण कर'र स्वतंत्र भासावां बणी"2
राजस्थानी भासा री उत्पत्ति
राजस्थानी भासा रौ उद्भव किसा अपभ्रंस सूं व्हियौ, अबार तक विद्वान जकौ विचार प्रस्तुति करिया, वां विचारां नैं सुविधा सारू तीन भागों में बांटिया जा सकैः- (1) सौरसैनी अपभ्रंस (2) नागर-आवान्त्य अपभ्रंस (3) गुजर अपभ्रंस सौरसैनी अपभ्रंस सूं राजस्थानी रौ उद्गम मानण वाला विद्वानां् में डा. एल. पी. टेसीटोरी रै मुजब "प्राचीन पश्चिमी राजस्थानी सौर सैनी री पैली सन्तान है। आपरी इण मान्यता नै खुलासै करता थका डॉ. टेसीटोरी कैवै हैक पन्दरवा सईका तांई गुजरात अर मारवाड़ रा घणकरा हिस्सा में आ भासा वरतजती ही। इणरै प्रमाण सारू वै मानव विग्यान रा सिद्धांत रौ तरक देवै।3 चन्द्र शर्मा गुलेरी4 स्यामसुन्दरदास5, डा. उदयनारायण तिवारी6, पं. जनार्दनराय नागर7, सौरसेनी सूं ही राजस्थानी रौ उद्गम मानै।" ग्रियरसन आपरा भासा सरवेक्सण रै आधार माथै नागर अपभ्रंस री विभासा "आवन्त्य" सूं राजस्थानी री उत्पत्ति अंग्रेजै।8 पं. हरगोविन्ददास विक्रमचन्द सेठ नागरी अपभ्रंस सूं, ठाकर रामसिंह सूरजकरण पारकी नागरी अर आवन्त्य सूं, पुरसोत्तम मेनारिया नागरी अपभ्रंस, प्रो. देव कोठारी नागरी अपभ्रंस सूं10 राजस्थानी री उत्पति मानै। आं दोनूं मतां रै अलावै राजस्थानी नै कन्हैयालाल माणिक्यलला मुंसी11 मोतीलला मेनारिया गुजरी अपभ्रंस सूं12, सुनीतिकुमार, चाटुरज्या सौराष्ट्री अपभ्रंस सूं13, उत्पन्न मांनै। कंई विद्वानां री इसी मान्यता है क ईसा रा 12वां सूं 15वां सईका तक घणै विस्त्रित रूप में एक ही भासा गुजरात अर राजस्थान में प्रचलित ही। ईसा रा 16 वां सईका रै अन्त में गुजराती अर मारवाड़ी रै रूप में अलग वीह।14 इण 12 वां 15 वां सईका री भासा नै गुजराती उमाशंकर जोसी मारू गुजर15 डा. गोरधन सरमा मारू-सौरठ कैवणौ उचित मांनै। इणां मतां नैं देखतां थकां ुपरी तौर पर औ दीखै है क राजस्थानी भासा रा उद्ब रा बारा में दिवानां ार मत न्यारा-न्यारा है। पम औ सिरफ भरम है। जकौ सौरसेनी, गुजर, सौराष्ट्र, नागर, आवन्त्य इत्याद न्यारा-न्यारा नामां रैकारण मैसूस व्है। जद'क मारकण्डेय आपरा ग्रंथ में प्राकृत चंद्रिका रै आदार माथै अपभ्रंस रो जकौ 27 भेद करिया है।17 उणां में नागर, गूजर, आवन्त्य, मालब इत्याद नै न्यारी भासावंे रे रूप में बताईजी है। इसी स्थिति में इणांनै सौरसेनी अपभ्रंस रै अन्तरगत किंण तरै राखीज सकै। इण सन्दरभ में सही तथा औ है'क मारकण्डेय जकौ 27 अपभ्रंसां रा जो लक्सण अर उदाहरण दिया है।18 इणां 27 अपभ्रंसां रा लक्सणां नै मारकण्डेय सुक्स बताय'र अपभ्रंस रा तीन प्रधान भेद19 नागर, ब्राचड़, उपनागर कर'र 27 भेदां नै समाहित कर दिया है।20 इण दीठ सूं नागर अपभ्रंस सूं ही राजस्थानी री उत्पत्ति मांनणी वाजब है।
लोकदेवता
- बाबा रामदेवजी
- गोगाजी चौहान
- वीर तेजाजी
- रावल मल्लिनाथजी
- मेहाजी मांगलिया
- हड़बूजी सांखला
- पाबूजी देवजी
- सिद्धपुरुष खेमा बाबा
- आलमजी
- केसरिया कंवर
- बभूतौ सिद्ध
- संत पीपाजी
- जोगिराज जालंधरनाथ
- भगत धन्नौ
- संत कूबाजी
लोक देवियां
- जीण माता
- रूपांदे
- करनी माता
- आई माता
- माजीसा राणी भटियाणी
महान विभूतिया
- मीराबाई
- महाराणा प्रताप
- पन्नाधाय
- ठा.केसरीसिंह बारहठ
- बप्पा रावल
- बादल व गोरा
- बिहारीमल
- चन्द्र सखी
- दादू
- दुर्गादास
- हाडी राणी
- जयमल अर पत्ता
- महाराणा कुम्भा
- कमलावती
- कविवर व्रिंद
- महाराणा लाखा
- रानी लीलावती
- मालदेव राठौड
- पद्मिनी रानी
- पृथ्वीसिंह
- पृथ्वीराज कवि
- राणा रतनसिंह
- राणा सांगा अ
- मरसिंह राठौड
- रामसिंह राठौड
- अजयपाल जी
- राव प्रतापसिंह जी
- सूरजमल जी
- राव बीकाजी
- चित्रांगद मौर्यजी
- डूंगरसिंह जी
- गंगासिंह जी
- जनमेजय जी
- राव जोधाजी
- सवाई जयसिंहजी
- भाटी जैसलजी
- खिज्र खां जी
- किशनसिंह जी राठौड
- महारावल प्रतापसिंहजी
- रतनसिंहजी
- सूरतसिंहजी
- सरदार सिंह जी
- सुजानसिंहजी
- उम्मेदसिंह जी
- उदयसिंह जी
स्वतंत्रता सेनानी
- मेजर शैतानसिंह
- सागरमल गोपा
- अर्जुनलाल सेठी
- रामचन्द्र नन्दवाना
जिला री जाणकार
- अजमेर
- अलवर
- उदयपुर
- करौली
- कोटा
- गंगानगर
- चितौड़गढ़
- चूरु
- जयपुर
- जालौर
- जैसलमेर
- जोधपुर
- झालावाड़
- झुन्झुनूं
- टोंक
- डूँग़रपुर
- दौसा
- धौलपुर
- नागौर
- पाली
- बाड़मेर
- बाँसवाड़ा
- बीकानेर
- बूँदी
- बारां
- भरतपुर
- सवाई माधोपुर
- राजसमन्द
- भीलवाड़ा
- सिरोही
- सीकर
- हनुमानगढ़
खेजडी - राजस्थान रो राज्य वृक्ष (1983 मांय राज्य वृक्ष रो दर्जो) वैज्ञानिक नाम- प्रोसेपिस सिनेरिया, उपनाम- कल्पवृक्ष, जांटी, शमी, थार रो कल्पवृक्ष, रेगिस्तान रो गौरव।
रोहिडा - राजस्थान रो राज्य पुष्प (1983 मांय राज्य पुष्प रो दर्जो) वैज्ञानिक नाम- टिकोमेला अंडूळेटा उपनाम मरुशोभा, रेगिस्तान रो साग़वान।
घूमर - राजस्थान रो राज्य नृत्य, इण नृत्य ने राज्य री आत्मा भी केविजे है।
गोडावण - राजस्थान रो राज्य पक्षी (1981 में राज्य पक्षी रो दर्जो) वैज्ञानिक नाम- क्रायोटिस नाइग्रीसेप्स, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (शमिला पक्षी) अर सोहन चिडिया रे उपनाम सु प्रसिद्ध। सोंकलिया (अजमेर), सोरसण (बारां) अर राष्ट्रीय मरु उधान में पायो जावे है।
चिंकारा - राजस्थान रो राज्य पशु (1981 में राज्य पशु रो दर्जो) वैज्ञानिक नाम- गजेला-गजेला, छोटा हिरण (एंटीलोप) रे उपनाम सु प्रसिद्ध।
बास्केटबाल - राजस्थान रो राज्य खेल (1948 में राज्य खेल रो दर्जो )
राजस्थान : महत्वपूर्ण जाणकारी
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क्षेत्रफल रे आधार पर सबसु बडो जिलो | जैसलमेर |
क्षेत्रफल रे आधार पर सबसु छोटो जिलो | दौसा |
देश रे क्षेत्रफल रो प्रतिशत/भाग राज्य में | 5.5 प्रतिशत |
सबसु प्राचीन वलित पर्वत श्रंृखला | अरावली |
सबसु ज्यादा आर्द्र जिलो | झालावाड |
सबसु ज्यादा आर्द्र स्थान | माउंट आबू (सिरोही) |
सबसु ज्यादा गरम जिलो | चूरू |
सबसु ज्यादा ठण्डो जिलो | चूरू |
सबसु ज्यादा लम्बी नदी | चम्बल (966 किमी.) |
पूर्ण बाहाव रे आधार पर सबसु ज्यादा लम्बी नदी | बनास (480 कीं.) |
सबसु बडी नमक उत्पादक झील | सांभर झील |
ऊंचाई री दृष्टि सु सबसु ऊंचो बांध | जाखम बांध (81 मीटर ऊंचो) |
सबसु ज्यादा भराव क्षमता वाळो बांध | राणा प्रताप सागर बांध |
सबसु ज्यादा परती भूमि | जोधपुर |
व्यर्थ भूमि रो सबसु ज्यादा प्रतिशत | जैसलमेर |
सबसु ज्यादा शुष्क कृ षि तीव्रता | जैसलमेर अर बाडमेर |
सबसु ज्यादा शुष्क स्थान | फलौदी (जोधपुर) |
सबसु ऊंचो पर्वत शिखर | गुरू शिखर |
राज्य रे कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्रफल रो प्रतिशत | 9.46 प्रतिशत |
राज्य ने वनां री दृष्टि सु बांटो गयो है | 12 मंडल |
राज्य में सबसु ज्यादा क्षेत्र में पाया जाणे वाळा वन | धोकडा वन |
राज्य में सबसु ज्यादा वन क्षेत्र वाळा जिला | उदयपुर, चित्तौडगढ, बारां |
सबसु ज्यादा ऊन | बीकानेर |
राज्य में सबसु ज्यादा उगाई जाणे वाळी सब्जी | प्याज |
राजस्थान दिवस | 30 मार्च |
सबसु बडी पन्ने-रत्न री अंर्तराष्ट्रीय मंडी | जयपुर |
सबसु पुराणो उधोग | सूती वस्त्र उधोग |
सबसु छोटो नगर | बोरखेडा (बांसवाडा) |
विश्व रो एकमात्र वृक्ष मेळो | खेजडली (जोधपुर) |
विश्व रो सबसु बडो चांदी रो पात्र | सिटी पैलेस (जयपुर) |
विश्व रो सबसु बडो रिहायसी महल | छीतर महल (जोधपुर) |
राज्य रो एकमात्र परमाणू विधुत गृह | रावतभाटा (चित्तौडगढ़) |
पेली राजस्थानी फिल्म | नजराणो |
राज्य रा पेला फिल्म अभिनेता | महिपाल |
राज्य री पेली फिल्म अभिनेत्री | सुनयना |
पेली हैरीटेज होटल | अजीत भवन (जोधपुर) |
राज्य रो पेलो स्टाक एक्सचेंज | जयपुर |
सबसु ज्यादा सरकारी समितियां | जयपुर |
प्रथम महिला पायलट | नम्रता भट्ट |
प्रथम महिला फलाइंग़ आफिसर | निवेदिता |
अर्जुन पुरस्कार सु सम्मानित प्रथम व्यक्ति | डा.करणीसिंह (निशाणेबाजी 1961), प्रेमसिंह (पोलो 1961), सलीम दुर्रानी (क्रिकेट 1961) |
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राजस्थान रा महत्वपूर्ण नगर अर बियारा संस्थापक
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क्र.स. | नगर | संस्थापक |
1 | अजमेर | श्री अजयपाल जी |
2 | अलवर | राव प्रतापसिंह जी |
3 | भरतपुर | राजा सूरजमल जी |
4 | बीकानेर | राव बीका जी |
5 | चित्तौड | चित्रांगद मौर्य जी |
6 | डूंगरपुर | महारावल डूंगरसिंह जी |
7 | गंगानगर | श्री गंगासिंह जी |
8 | जहाजपुर | राजा जनमेजय जी |
9 | जोधपुर | राव जोधा जी |
10 | जयपुर | सवाई जयसिंह जी |
11 | जैसलमेर | भाटी जैसल जी |
12 | खिज्राबाद | खिज्र खां जी |
13 | किशनगढ | किशनसिंह जी राठौड |
14 | प्रतापगढ | महारावल प्रतापसिंह जी |
15 | रतनगढ | महाराजा रतनसिंह जी |
16 | सूरतगढ | महाराजा सूरतसिंह जी |
17 | सरदारशहर | महाराजा सरदारसिंह जी |
18 | सुजानगढ | महाराजा सुजानसिंह जी |
19 | उम्मेदनगर | श्री उम्मेदसिंह जी |
20 | उदयपुर | महाराणा उदयसिंह जी |
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राजस्थान: कठे - कई?
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राजधानी | जयपुर |
राजस्थान उच्च न्यायालय | जोधपुर |
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मुख्यालय | अजमेर |
राजस्थान लोक सेवा आयोग | अजमेर |
राजस्थान उच्च न्यायालय री खण्ड पीठ | जयपुर |
पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र | उदयपुर |
भारतीय लोक कला मंडल | उदयपुर |
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान अर प्रशिक्षण केंद्र | उदयपुर |
राजस्थान साहित्य अकादमी | उदयपुर |
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृृति अकादमी | बीकानेर |
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी | जोधपुर |
राजस्थान ब्रज भाषा अकादमी | जयपुर |
राजस्थान सिंधी अकादमी | जयपुर |
राजस्थान संस्कृृत अकादमी | जयपुर |
राजस्थान उर्दु अकादमी | जयपुर |
राजस्थान हिंदी गं्रथ अकादमी | जयपुर |
ललित कला अकादमी | जयपुर |
रवीन्द्र रंगमंच | जयपुर |
राजस्थान राज्य अभिलेखागार मुख्याल्य | बीकानेर |
राजस्थान राज्य अभिलेखागार शाखायां | जयपुर, कोटा, उदयपुर, अलवर, भरतपुर, अजमेर |
प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान मुख्यालय | जोधपुर |
प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान शाखायां | जयपुर, कोटा, उदयपुर, अलवर, बीकानेर, चित्तौड |
मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान | टौंक |
जयपुर कत्थक केंद्र | जयपुर |
जवाहर कला केंद्र | जयपुर |
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान | जयपुर |
राजस्थान विश्वविद्यालय | जयपुर |
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय | जोधपुर |
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय | अजमेर |
जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृृत विश्वविधालय | जयपुर |
मोहनलाल सुखाडिया विश्वविधालय | उदयपुर |
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्राधोगिकी विश्वविधालय | उदयपुर |
राजस्थान कृषि विश्वविधालय | बीकानेर |
बीकानेर विश्वविधालय | बीकानेर |
वर्धमान महावीर खुला विश्वविधालय | कोटा |
कोटा विश्वविधालय | कोटा |
राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय | जोधपुर |
राजस्थान आयुर्वेदिक विश्वविधालय | जोधपुर |
हवाई अड्डा | जयपुर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर |
राजस्थान सूचना केंद्र | जयपुर, दिल्ली कलकत्ता, मुंबई |
राजस्थान सु बारे पर्यटन सूचना केंद्र | दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई, चेन्नई |
वनस्थली | विधापीठ वनस्थली (टौंक) |
काजरी (सेंट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट) | जोधपुर |
आफरी (एरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट) | जोधपुर |
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राजस्थान मांय प्रथम
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प्रथम मुख्यमंत्री | श्री हीरालाल शास्त्री |
प्रथम महिला मुख्यमंत्री | श्रीमती वसुंधरा राजे |
प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री | श्री टीकाराम पालीवाल |
प्रथम राज्यपाल | श्री गुरुमुख निहाल सिंह |
प्रथम मुख्य न्यायाधीश | श्री कमलकांत वर्मा |
प्रथम विधानसभा अध्यक्ष | श्री नरोत्तम जोशी |
प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष | श्रीमती सुमित्रा सिंह |
प्रथम परमवीर चक्र विजेता | हवलदार मेजर पीरू सिंह (1948) |
राज्य री प्रथम महिला पायलट | सुश्री नम्रता भट्ट |
राज्य री प्रथम महिला फ्लाईंग ऑफीसर | सुश्री निवेदिता |
प्रथम राजस्थानी फिलम | नजराणो (1942) |
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राजस्थान री गौरवशाली प्रतिभायां
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पद्म अलंकरणा सु सम्मानित राजस्थानी प्रतिभायां
नांव | अलंकरण | साल | काम |
श्रीमती रतन शास्त्री | पद्मश्री | 1955 | महिला शिक्षा मांय उल्लेखनीय योगदान |
कंवर सेन | पद्मभूषण | 1956 | विख्यात इंजीनियर- इंदिरा गांधी नहर रा योजनाकार |
राव राजा हणूत सिंह | पद्मभूषण | 1958 | प्रसिद्ध पोलो खिलाडी, राज्य री प्रथम शास्त्री |
प्रो.पावला तिरुपतिराजू | पद्मभूषण | 1958 | दर्शनशास्त्र रा विद्वान, राजस्थान विश्वविधालय रा पूर्व प्राध्यापक |
भगवत सिंह मेहता | पद्मश्री | 1961 | राजस्थान रा पूर्व मुख्य सचिव अर पंचायती राज रा सूत्रधार |
घनश्याम दास बिडला | पद्मविभुषण | 1961 | प्रख्यात उधोगपति |
मुनि जिन विजय | पद्मश्री | 1961 | प्रसिद्ध पुरातत्वविद, राज्य रा पुरातत्व विभाग रा पला निदेशक |
श्रीयुत श्रीधर शर्मा | पद्मश्री | 1962 | |
सीताराम सेकसरिया | पद्मभूषण | 1962 | प्रसिद्ध समाजसेवी |
शुकदेव पांडे | पद्मश्री | 1964 | शिक्षा शास्त्री-बिडला एजकुशन ट्रस्ट पिलानी रा पूर्व सचिव |
पुरुषोतम दास | पद्मश्री | 1964 | प्रसिद्ध पखावज-वादक |
जोहन टेवर्स मेंड्स गिब्सन | | 1965 | मेयो कॉलेज पूर्व प्रिंसीपल |
माणिक्यलाल वर्मा | पद्मविभुषण | 1965 | राज्य रा प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी अर 1948 मांय गठित संयुक्त राजस्थान रा प्रधानमंत्री |
हरिभाऊ उपाध्याय | पद्मभूषण | 1966 | राज्य रा प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, अजमेर-मेरवाडा रा पूर्व मुख्यमंत्री अर राजस्थान रा पूर्व मंत्री |
चण्डीदान | पद्मश्री | 1967 | प्रगतिशील किसान अर बोरूंदा (जोधपुर) रा पूर्व सरपंच |
देवीलाल सांमर | पद्मश्री | 1968 | विख्यात कलाकार भारतीय लोककला मंडल उदयपुर रा संस्थापक निदेशक |
शीशराम ओला | पद्मश्री | 1968 | सैैनिक कल्याण में उल्लेखनीय योगदान |
डॉ.मनोहर सिंह मेहता | पद्मविभुषण | 1969 | प्रसिद्ध शिक्षा-शास्त्री, सेवा मंदिर उदयपुर रा संस्थापक अर राजस्थान विश्वविधालय रा पूर्व कुलपति |
नारायणसिंह भाटी | पद्मश्री | 1970 | डाकू उल्मूनल मांय उल्लेखनीय काम |
मिस विलियम जी.लूटर | पद्मश्री | 1970 | महिला शिक्षा मांय उल्लेखनीय सेवायां, एम.जी.डी. स्कूल जयपुर री पूर्व प्राचार्या |
ले.जनरल संगत सिंह | पद्मभूषण | 1971 | बांग्लादेश री आजादी मांय प्रमुख भूमिका |
खेलशंकर दुर्लभजी | पद्मश्री | 1971 | प्रमुख रत्न व्यवसायी अर समाजसेवी |
सूर्यदेव सिंह | पद्मश्री | | अलवर जिले मांय प्रगतिशील किसान रेणी पंचायत समिति रा पुर्व प्रधान |
गोकुल भाई भट्ट | पद्मभूषण | 1971 | प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी अर विख्यात सर्वोदयी नेता |
विजयसिंह | पद्मश्री | 1972 | भारत-पाक युद्ध रे दौरान श्रीगंगानगर जिले रे जिलाधीश रे रूप मांय उल्लेखनीय सेवा |
डॉ.नगेन्द्र सिंह | पद्मविभुषण | 1973 | विख्यात न्यायविद, अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय रा पूर्व अध्यक्ष |
डॉ. दौलतसिंह कोठारी | पद्मविभुषण | 1973 | विख्यात शिक्षाशास्त्री, विश्वविधालय अनुदान आयोग रा पूर्व अध्यक्ष |
पं. रामनारायण | | 1974 | विख्यात सारंगी वादक |
श्रीमती रत्न शास्त्री | पद्मभूषण | 1975 | महिला शिक्षा मांय योगदान |
भोगीलाल पंडया | पद्मभूषण | 1976 | प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, आदिवासी नेता अर राज्य रा पूर्व मंत्री |
डॉ.कालूलाल श्रीमाली | पद्मभूषण | 1976 | प्रमुख शिक्षाशास्त्री अर पूर्व केन्द्रीय शिक्षामंत्री |
कृपाल सिंह शेखावत | पद्मश्री | 1976 | प्रमुख चित्रकार (ब्लयू पॉटरी) |
सीतारा लालस | पद्मश्री | 1977 | राजस्थानी साहित्यकार अर राजस्थानी शब्दकोश रा निर्माता |
डॉ. प्रमोदकरण सेठी | पद्मश्री | 1981 | प्रमुख अस्थिरोग विशेषज्ञ 'जयपुर पैर' रा निर्माता |
झाबरमल्ल शर्मा | पद्मभूषण | 1981 | मनीषी साहित्यकार अर पत्रकार |
श्रीमती अल्लाह जिलाई बाई | पद्मश्री | 1982 | प्रमुख मांड गायिका |
कोमल कोठारी | पद्मश्री | 1983 | राजस्थानी लोक-साहित्य और लोक -कलाया में उन्नायक |
रामगोपाल विजयवर्गीय | पद्मश्री | 1984 | अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार |
श्रीमती लक्षमी कुमारी चुंडावत | पद्मश्री | | प्रमुख राजस्थानी साहित्यकार अर पूर्व सांसद अर विधायिका |
तलकायत गोस्वामी गोविन्द लाल जी | पद्मश्री | 1984 | विख्यात तीर्थ नाथद्वारा रा महंत |
जसदेव सिंह | पद्मश्री | 1985 | प्रसिद्ध खेल कमेंटेटर, दूरदर्शन सु सेवानिवृत उप महानिदेशक |
डा.शीतलराज मेहता | पद्मश्री | 1985 | प्रमुख चिकित्सक अर सवाई मानसिंह मेडिकल कालेज रा पूर्व प्राचार्य |
इमानुद्दीन उस्ता | पद्मश्री | 1986 | ऊंट की खाल पर सोने री नक्काशी |
नारायण सिंह माणकलाल | पद्मश्री | 1986 | अफीम मुक्ति में उल्लेखनीय योगदान |
सरदार कुदरत सिंह | पद्मश्री | 1988 | प्रमुख शिल्पी- मीनाकारी में दक्ष |
एम.वी.माथुर | पद्मभूषण | 1989 | प्रमुख शिक्षा शास्त्री, राजस्थान विश्वविधालय रा पूर्व कुलपति |
मेघराज जैन | पद्मभूषण | 1989 | सीमावर्ती रेगिस्तानी लोक कलाया अर लोक संस्कृति रे उन्नयन में उल्लेखनीय योगदान |
टी.एन.चतुर्वेदी | पद्मभूषण | | भारत रा पूर्व लेखा नियंत्र्क |
रामनारायण अग्रवाल | पद्मश्री | 1990 | अग्नि मिसाइल रे प्रक्षेॅपण में प्रमुख भूमिका, रक्षा अनुसंधान व विज्ञान प्रयोगशाला हैदराबाद में कार्यरत |
चिरंजीलाल जोशी | पद्मश्री | 1990 | प्रमुख समाज सेवी, मुम्बई अस्पताल रा मुख्य अधिशासी |
दुर्गालाल | पद्मश्री | 1990 | जयपुर शैली रा कत्थक कलाकार |
पुरुषोतम | पद्मश्री | 1992 | विख्यात पखावज वादक |
रामनारायण शर्मा | पद्मश्री | 1992 | विख्यात सारंगी वादक |
कैलाश सांखला | पद्मश्री | 1993 | विख्यात वन्यजीव विशेषज्ञ |
प. रामनारायण | पद्मश्री अर पद्मभूषण | 1994 | विख्यात सारंग वादक |
डा.राज बोथरा | पद्मश्री | 1999 | औषधि विज्ञान अर एड्स रे प्रति जागृति |
डा.रामनारायण अग्रवाल | पद्मभूषण | 2000 | अग्नि मिसाइल अर रक्षा अनुसंधान |
डा.महेन्द्र भण्डारी | पद्मश्रि | | किडनी प्रत्यारोपण में खास भूमिका |
डा.मंण्डन मिश्र | पद्मश्री | 2000 | संस्कत शिक्ष्आआ रो उन्नयन |
वैद्य सुरेशचन्द्र | पद्मश्री | 2000 | आयुर्वेद रे क्षेत्र में महत्वपूण भूमिका |
डा.एम.ए.थॉमस | पद्मश्री | 2001 | कोटा रे बाइबिल कॉलेज री स्थापना रे वास्ते |
मोहम्मद तैयब खान | पद्मश्री | 2001 | शिल्पकार |
सिद्धराज ढड्ढा | पद्मश्री | 2002 | जनसेवा |
प.दुर्गालाल | पद्मश्री | 2003 | जयपुर घराने रे कत्थक नृत्य रा कलाकार |
कन्हैयालाल सेठिया | पद्मश्री | 2004 | प्रसिद्ध राजस्थानी साहित्यकार |
मेजर राज्य वर्धन सिंह | पद्मश्री | 2005 | प्रसिद्ध खिलाडी |
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