Thursday, June 5, 2014

अपना भविष्य खुद जाने :व्यक्ति का चेहरा एक खुली किताब होता है, : स्त्रियों में तिल का फल:होंठों को देखकर :

व्यक्ति का चेहरा एक खुली किताब होता है
  उज्जैन। हम जब भी किसी व्यक्ति से मिलते हैं तो सबसे पहले उसके चेहरे पर हमारी नजर जाती है। यदि उस समय चेहरे के खास अंगों की बनावट पर ध्यान दिया जाए तो तुरंत ही उस व्यक्ति के चरित्र से जुड़ी बातें समझी जा सकती हैं। चेहरे के खास अंग जैसे नाक, सिर, आंखें, पलक, कान, भौंहें आदि। इन अंगों की बनावट और स्थिति जैसी होती है व्यक्ति का स्वभाव भी वैसा ही होता है। इस संबंध में ज्योतिष शास्त्र में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।
 ज्योतिष में शरीर के लक्षणों के देखकर व्यक्तित्व और भविष्य बताने की विधि को सामुद्रिक विद्या कहते हैं। ये ज्योतिष का अभिन्न अंग है। सामुद्रिक विद्या के अनुसार मनुष्य के सिर से लेकर पैर तक हर अंग के अपने कुछ लक्षण होते हैं, उसकी बनावट, आकार और रंग हमारे व्यक्तित्व के रहस्यों पर तो रोशनी डालते ही हैं, साथ ही भविष्य भी बताते हैं। किसी भी व्यक्ति के चेहरे को देखकर ये आसानी से बताया जा सकता है कि वो व्यवहार, आचार-विचार और कार्यक्षेत्र में कैसा है।

सिर की बनावट देखकर समझें ये बातें...
- जिन लोगों के सिर की लंबाई ज्यादा हो और चौड़ाई कम हो ऐसे लोग जीवन में सभी सुविधाएं प्राप्त करते हैं।
- जिस व्यक्ति का सिर आकार में मध्यम रहता है वे लोग पैसों के मामले में काफी भाग्यशाली रहते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति का सिर अन्य लोगों की अपेक्षा अलग दिखता है, बड़ा और चौड़ा होता है वे लोग जीवन में काफी परेशानियां का सामना करते हैं।
बालों को देखकर जानें ये बातें
- जिस व्यक्ति के बाल काले और मुलायम और सुंदर होते हैं वे धनी होते हैं और सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं।
- जिन लोगों के बाल पतले होते हैं वे लोग अच्छे स्वभाव के लोग होते हैं।
- रूखे और सख्त बाल वाले लोग बहादुर होते हैं, लेकिन वे संकुचित मानसिकता वाले होते हैं।
- एकदम सूर्ख रंग के बाल वाले लोग गरीब और परेशान होते हैं। जबकि सुनहरे बाल वाले लोगों का जीवन स्तर मध्यम रहता है।
भौंहें देखकर जानिए ये बातें
- सुंदर और बारिक भौंहे वाले व्यक्ति धन संबंधी कार्यों में विशेष लाभ कमाने वाले होते हैं।
- जिन लोगों की दोनों भौंहे आपस में मिली हुई होती हैं वे अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक चतुर और चालक होते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति की भौंहों के बाल रूखे और बेजान दिखाई देते हैं वे लोग जीवन में धन की कमी का सामना करते हैं। इन का लोगों का व्यवहार काफी सख्त होता है।
- ऐसे लोगों को जीवन में पूर्ण ऐश्वर्य मिलता है, जिनकी भौंहें चौड़ी होती हैं और आपस में मिलती नहीं हैं।
आंखें देखकर जानिए ये बातें
- यदि किसी व्यक्ति की आंखें बिल्ली की आंखों के समान दिखाई देती हैं तो वह इंसान दुराचारी हो सकता है।
- जिन लोगों की आंखों में सूर्ख रंग के डोरे दिखाई देते हैं वे लोग जीवन में पूर्ण सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं। यदि ऐसी आंखें किसी स्त्री की हों तो वह काफी अधिक धन लाभ अर्जित करती हैं।
- जिन लोगों की आंखों में हमेशा गुस्सा दिखाई देता है वे लोग बहादुर होते हैं और साहस के बल पर कार्य पूर्ण कर लेते हैं।
कान देखकर जानिए ये बातें
- जिन लोगों के कान सामान्य आकार से अधिक लंबे दिखाई देते हैं वे लोग लंबी उम्र जीते हैं और इन्हें काफी पैसा भी प्राप्त होता है।
- लंबे और पतले कान वाले लोग अच्छे स्वभाव वाले और समाज में मान-सम्मान प्राप्त करने वाले होते हैं।
- जिन लोगों के कान पर अधिक बाल दिखाई देते हैं वे मेहनत करते हैं लेकिन उचित फल प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
- छोटे कान वाले लोगों का जीवन सामान्य होता है। यदि ये लोग अधिक मेहनत करते हैं तो सकारात्मक फल अवश्य प्राप्त होते हैं।
नाक देखकर जानिए ये बातें
- जिन लोगों की नाक ऊंची और बड़ी होती है वे भाग्यशाली होते हैं और जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करते हैं।
- ऐसे लोग बहुत समझदार और किस्मत के धनी होते हैं, जिनकी नाक तोते की चोंच के समान होती हैं। ऐसी तीखी नाक वाले लोग दिमागी कार्य में पारंगत होते हैं।
- जिन लोगों की नाक छोटी सी दिखाई देती है वे लोग स्वभाव से अच्छे होते हैं। जबकि छोटी और मोटी नाक वाले लोगों को कम अक्ल होते हैं।
पलक देखिए और जानिए ये बातें
- यदि किसी व्यक्ति की पलक पर बाल बहुत कम हैं तो वह इंसान शौकिन मिजाज होता है। ऐसे लोग शान और शौकत में जीवन व्यतीत करते हैं।
- ऐसे लोग गरीब होते हैं जिन लोगों की पलक के बाल सख्त होते हैं। इन लोगों को जीवन में काफी परिश्रम करना पड़ता है, लेकिन सकारात्मक फल प्राप्त नहीं हो पाता है।


क्या बोलता है आपका चेहरा
वंदना अग्रवाल
चौकोर चेहरा, गोल चेहरा, तिकोना चेहरा, मोटी नाक, तीखी नाक, वगैरह-वगैरह के बारे में आपने किस्से तो बहुत सुने होंगे। सौंदर्य के पैमाने पर भी इन्हें कसा होगा। पर शायद ही इनके ज्योतिषीय पक्ष को समझने की कोशिश की हो। आइए जानते हैं चेहरे का कौन-सा भाग व्यक्तित्व के किस पक्ष से रू-ब-रू कराता है। बता रही हैं वंदना अग्रवाल
आपके चेहरे का हर हिस्सा आपके बारे में बयां करता है। चेहरे के विभिन्न अंगों की मदद से आप सामने वाले व्यक्ति की पर्सनेलिटी को जान सकती हैं। चेहरे का कौन-सा हिस्सा क्या कहता है, आइए जानें:
चेहरे का आकार
सरकुलर चेहरा चंद्रप्रधान होता है। ऐसे चेहरे वाले लोग कल्पनाशील, घरेलू, आलसी और ऊर्जा की कमी महसूस करने वाले होते हैं। चौकोर चेहरे वाले लोग मजबूत और आक्रामक प्रवृत्ति के होते हैं। पृथ्वी तत्व की प्रधानता वाले ये लोग शारीरिक क्षमता और शक्ति पर भरोसा करते हैं। वहीं आयताकार चेहरे वाले लोग ईमानदार और डिप्लोमेटिक स्वभाव के होते हैं। नेतृत्व क्षमता से भरपूर ये लोग अच्छे पदों पर रहते हैं और राजनीति में सफलता प्राप्त करते हैं। तिकोने चेहरे वाले लोग गुस्सैल स्वभाव के होते हैं। ऐसे लोग अक्सर प्रतिभा की कमी से भी जूझते हैं। इनके हिस्से में व्यवहारकुशलता भी कम ही आती है। इसके विपरीत ठुड्डी की ओर से नुकीले चेहरे वाले लोग खुशमिजाज होते हैं। कभी-कभी ऐसे लोग हाइपरएक्टिव भी दिखते हैं।
माथे की रूपरेखा
माथे का सबसे ऊपरी हिस्सा यानी हेयरलाइन पूर्वजों के प्रति व्यक्ति की आस्था बताता है। हेयरलाइन बताती है कि व्यक्ति अपने पूर्वजों के काम को आगे बढ़ाने में विश्वास रखता है और उनकी शिक्षा-दीक्षा का सम्मान करता है। हेयर लाइन के बाद आने वाला टॉप फोरहेड यानी ऊपरी माथा यह बताता है कि व्यक्ति कितनी यात्राएं करेगा। यदि रेखाएं सीधी हैं, टूटी-फूटी नहीं हैं, तो जीवन में इन यात्राओं के सार्थक परिणाम मिलते हैं। इसके विपरीत यदि रेखाएं टूटी-फूटी हैं, तो सही परिणाम नहीं मिलते। व्यक्ति को शारीरिक हानि भी उठानी पड़ सकती है। सेंट्रल फोरहेड से करियर के बारे में पता चलता है। यह यदि स्पष्ट है और वहां पर आयु के अनुरूप सीधी रेखाएं हैं, तो व्यक्ति करियर के प्रति बहुत ज्यादा उत्साही होता है। करियर को जीवन में सर्वाधिक महत्व देता है। यदि माथा अंदर की ओर धंसा हुआ है, तो व्यक्ति करियर के प्रति उदासीन होता है।
होंठों का आकार
अपर लिप जीवन में स्नेह प्रदर्शित करता है। यदि यह लंबा है, तो जीवन में स्नेह की कमी रहती है। यदि यह चेहरे के अनुरूप बैलेंस है, तो व्यक्ति को भरपूर स्नेह मिलता है। यदि होंठ के दोनों ओर गड्ढे बनते हैं, तो मनुष्य के जीवन में स्नेह की अधिकता रहती है।
नाक का आकार
नाक की टिप से किसी भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सकता है। अगर यह संतुलित है, तो व्यक्ति आर्थिक रूप से समृद्ध होता है।
क्या कहती हैं भौंहें और पलकें
भौं से भाई-बहन-परिवार के बारे में पता चलता है। यदि भौं उठे हुए और नुकीले हों, तो भाई-बहनों की संख्या कम होती है। भाई-बहनों से संबंध भी अच्छे नहीं होते। घनी पलकें व्यक्ति के संपत्तिवान होने की निशानी होती हैं।
आंखों की भाषा
यदि पुतलियां आंख के ऊपरी हिस्से को अधिक छूती हैं, तो व्यक्ति के व्यवहार में एकरूपता का अभाव होता है। ऐसे लोग विश्वसनीय नहीं होते। जिन लोगों की पुतली आंख के निचले हिस्से को ज्यादा छूती है, वे लोग निष्ठुर होते हैं। इसीलिए फिल्मों में ऐसी आंखों वाले लोगों को अधिकांशत: विलेन के रोल के लिए चुना जाता है। अगर पुतली आंख के आकार के मुकाबले बड़ी है, तो व्यक्ति अपनी भावनाओं को छुपा नहीं पाता। ऐसे लोग एक्स्ट्रोवर्ट होते हैं। छोटी पुतली वाले लोग गोपनीय प्रवृत्ति के होते हैं। दोनों आंखों के बीच अनुपात से ज्यादा दूरी वाले लोग खर्चीले स्वभाव के होते हैं।
(ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे से बातचीत पर आधारित)

  चेहरे में छुपा तकदीर का राज, जानें अपनी किस्मत को
आईबीएन-7
नई दिल्ली। चेहरा व्यक्ति की पहचान होता है। किंतु अच्छा या बुरा चेहरा होना उसकी खूबसूरती या बदसूरती से नियत नहीं होता, बल्कि अच्छे या बुरे कर्म भी सुन्दर चेहरे को बदसूरत और बिगड़ी सूरत को खूबसूरत बनाने में निर्णायक होते हैं। यही चेहरा मन के भावों को उजागर भी कर देता है। किंतु कुछ लोग चेहरे के भावों को छुपाने की कला में भी महिर होते है और अपने स्वार्थ या मंशा को पूरा करने के लिए नकली चेहरे को असली चेहरे के पीछे छुपा लेते हैं। व्यावहारिक जीवन के नजरिए से यही बात अनेक मौकों पर नुकसान या परेशानी का कारण भी बन जाती है।
वहीं दूसरी तरफ व्यक्ति के मन में भी खुद का जीवन कैसा होगा, यह जिज्ञासा भी रखता है। हिन्दू धर्म शास्त्र में लिखी कुछ रोचक बातें ऐसी ही जिज्ञासा को शांत करने और अंजान पुरुष से व्यवहार करने के सूत्र बताती है। इन बातों में अलग-अलग सूरत वाले पुरुषों के गुण व स्वभाव बताए गए हैं।
हिन्दू धर्म ग्रंथ भविष्यपुराण के मुताबिक जब भगवान शिव ने विवाद के बाद पुत्र कार्तिकेय द्वारा लिखे गए लक्षण शास्त्र को समुद्र में फेंक दिया, तब कार्तिकेय स्वामी के निवेदन पर ब्रह्मदेव ने पुरुषों की मुख से पहचान के लक्षणों को उनको फिर से स्मरण कराया।
यहां जानते हैं पुरुषों के मुख से जुड़ी ऐसी ही रोचक बातें -
- चन्द्रमा की रोशनी की तरह चमकदार और शांत चेहरे वाला भला और धर्मात्मा पुरुष होता है।
- वानर या बकरें जैसे मुख वाला पुरुष धनवान होता है।
- खूबसूरत और तेजयुक्त हाथी के मुख की तरह भरे चेहरे वाला राजा यानि राजसी स्वभाव का होता है।
- सूंड के आकार जैसे लम्बे चेहरे वाला पुरुष बदकिस्मत होता है।
- बदसूरत, टेढ़ा, टूटा और शेर की तरह चेहरा चोर व्यक्ति की पहचान है।
- लंबा, छोटा और कुटील भाव से भरे मुख वाला पुरुष गरीब और पापी होता है।
- औरत जैसा, चौकोर चेहरे वाला पुरुष पुत्रहीन होता है।
- जिसके गाल कमल जैसे लाल और चमकदार हो वह धनवान और किसान होता है।
- हाथी, बाघ या शेर जैसे गालों वाला पुरुष सभी सुख और संपत्तियों का मालिक होता है।

स्त्रियों में तिल का फल
स्त्री जातक व तिल
तिलो का शरीर पर अपना अलग ही महत्व होता हैं प्रस्तुत लेख मे हम स्त्री जातक के शरीर मे विभिन्न हिस्सो पर पाये जाने वाले तिलो के विषय मे जानकारी दे रहे हैं जिनसे स्त्री के आचरण,व्यवहार,विचार व भाग्य इत्यादि का पता लगाया जा सकता हैं |

1)स्त्री के सिर के मध्य भाग मे तिल उसे पति का पूर्ण सुख पाने वाली,शुद्ध हृदय व सम्पूर्ण ऐश्वर्या प्राप्त करने वाली बनाता हैं | सिर की दायीं ओर का तिल समाज मे प्रतिष्ठित परंतु उदास स्वभाव वाली स्त्री का होना बताता हैं जिसे विवाह के बाद विदेश मे रहना पड़ता हैं तथा सिर के बाईं ओर का तिल उसे दुर्भाग्यशाली बनाता हैं |
2)जिस स्त्री के ललाट पर काले रंग का तिल होता हैं वह पुत्रवान,सौभाग्यवान,धार्मिक स्वभाव व दयालु प्रवृति की होती हैं | ललाट की दायीं और तिल स्त्री के जन्म स्थान से दूर रहने वाली,अच्छे स्वभाव की स्त्री होना बताता हैं जिसे संतान कष्ट रहता हैं | ललाट के बीचोबीच तिल स्त्री को कला कुशल परन्तु कठोर वचन कहने वाली बनाता हैं | जबकि ललाट के बाईं और का तिल स्त्री को पति सुख मे कमी दर्शाता हैं |
3)स्त्री के भोहों के मध्य भाग मे तिल उसे सरकार से ऊंच पद का लाभ प्राप्त करवाता हैं अर्थात वह या उसका पति सरकारी नौकरी वाले होते हैं |किसी एक भोह मे बना तिल स्त्री के स्वभाव मे ओछेपन का प्रतीक होता हैं ऐसी स्त्री का विवाह बेमेल होता हैं |
4)स्त्री की आँखों के ऊपर या नीचे तिल होतो वह स्त्री अनुचित तरीके से धन संचय करने वाली तथा संतान विहीन होती हैं जो अपने स्वास्थ्य की सही से देखभाल नहीं करती हैं उसकी आयु भी कम होती हैं |जबकि स्त्री की आँख मे तिल पति की प्रियतमा होने की सूचना देता हैं |
5)स्त्री की दायीं ओर आँख के नीचे गाल पर तिल होतो स्त्री धार्मिक व सदाचारिणी होती हैं जिसे हर जगह मान समान व यश प्राप्त होता हैं जबकि बाईं ओर आँख के नीचे गाल पर तिल होतो ऐसी स्त्री अत्यधिक काम वासना से पीड़ित रहती हैं जिसके उसकी उम्र से छोटे कई प्रेमी होते हैं |
6)स्त्री के कान मे तिल उसके आभूषण प्रिया होने की सूचना देते हैं जबकि कान के नीचे तिल उसकी अन्य स्त्रीओ से शत्रुता के बारे मे बताते हैं |
7)स्त्री के नाक के अग्रभाग मे लाल रंग का तिल उसके सौभाग्यशाली व ऊंचाधिकारी की पत्नी होने का सूचक होता हैं |
8)स्त्री के मुख मे तिल उसके सुखी,सम्पन्न व सज्जन होने की सूचना देता हैं उपरी होंठ पर तिल स्त्री के शिक्षावान होने का संकेत देता हैं ऐसी स्त्री अच्छी वक्ता या शिक्षिका होती हैं |
9)स्त्री के बाएँ गाल मे काला तिल उसके ऐश्वर्या पूर्ण जीवन के बारे मे बताता हैं जो भोग विलास मे अधिक रुचि रखती हैं जबकि लाल तिल उसके मिष्ठान प्रिय होने के बारे मे बताता हैं तथा दायें गाल पर तिल स्त्री को किसी असाध्य बीमारी होने के बारे मे बताता हैं |
10)स्त्री की ठोड़ी मे तिल उसके मिलनसार ना होने का पता बताता हैं जो किसी से भी घुलना मिलना पसंद नहीं करती हैं जिन्हे आम भाषा मे लजीली स्त्री कहते हैं |
11)स्त्री के कंठ मे तिल हो तो वह अपने घर मे हुकूमत चलाना पसंद करती हैं सब पर नियंत्रण रखना चाहती हैं |12)स्त्री के हृदय स्थान मे तिल सौभाग्य का प्रतीक होता हैं बाएँ स्तन पर लाल तिल होतो स्त्री के पुत्र जन्म बाद विधवा हो जाने का सूचक होता हैं काला तिल होतो उस स्त्री की मृत्यु किसी दुर्घटना से होती हैं जबकि दायें स्तन मे तिल स्त्री की कन्या संतान की अधिकता बताता हैं |
13)स्त्री की बाईं भुजा मे तिल उसके कला,काव्य,अभिनय,संगीत इत्यादि के क्षेत्र से जुड़ा होने का प्रतीक होता हैं जिससे उसे धन व यश प्राप्त होता हैं |
14)स्त्री के गुप्त स्थान के दायीं ओर तिल होतो वह राजा अथवा ऊंचाधिकारी की पत्नी होती हैं जिसका पुत्र भी आगे चलकर अच्छा पद प्राप्त करता हैं |
15)स्त्री की जंघा पर तिल उसके यात्रा व भ्रमण प्रिया होने की सूचना देते हैं
16)स्त्री के पाँव के टखने मे तिल उसकी दरिद्रता भरे जीवन की सूचना देता हैं |
 मुखा कृति बिज्ञान
दिल की बात कहता है चेहरा

मुख अर्थात् मुख्य एक शरीर में सर्वाधिक चेतनामय, ऊर्जामय, ज्ञानमय व प्रज्ञामय भाग व्यक्ति का मुख ही है। आंख, कान, नाक व मुख सहित मस्तिष्क के सभी ज्ञानमय व स्मृति केन्द्रों का संरक्षक (चेहरा) ही तो है। ब्रह्मा जी के चार मुख, शिवजी के पांच मुख, रावण के दस सिर (दसग्रीव) भगवान दत्तत्रेय के तीन मुख आदि मुख के विशिष्ट गुणों की व्याख्या करते हैं।
‘ब्राह्मणों मुखम आसीत्’ अर्थात् परमात्मा के मुख से ही ज्ञानवान, प्रज्ञामय संस्कारी ब्राह्मणों का आविर्भाव हुआ। अर्थात देखने की क्षमता, सुनने की पात्रता, श्वांस लेने की योग्यता व आहार करने की पवित्रता की प्राप्ति जिस मुख की मदद से मनुष्य करता है, वह (मुख) सर्वश्रेष्ठ अंग ब्रह्म तुल्य है। देखना अर्थात ‘दृष्टा’, सुनना अर्थात श्रोता, प्राणायाम अर्थात योग शिक्षा तथा आहार दक्षता यह सभी आध्यात्मिक गुण चेहरा अर्थात मुखमंडल देखकर ही आप जान सकते हैं।
‘मुखाकृति विज्ञान’ में महारथ हासिल कर आप निम्न बातों का पता आसानी से लगा सकते हैं।
1 बुद्धिमत्ता या मूर्खता
2 स्मरण शक्ति कमजोर या तेज
3 दयालुता या कठोरता
4 साहसी या दब्बू
5 दृढ़ निश्चयी या लचीला स्वभाव
6 देशप्रेमी या देशद्रोही
7 धनवान या निर्धन
8 सामाजिक या समाज विरोधी
9 स्वस्थ या बीमार
इन सभी गुणों व अवगुणों को आप चेहरे पर आंख, मस्तक, भौंहे, नाक, कान, पलकें, होंठ, जबड़ा, ठोड़ी आदि देखकर जान सकते हैं।
प्रत्येक मनुष्य की मुखाकृति में आप यदि ध्यान से देंखे तो किसी न किसी की झलक आपको दिखाई देगी। किसी के चेहरे पर शेर जैसा प्रभाव दिखाई देता है, तो कोई वानर जैसे मुख वाला होता है। कोई भेड़, तोता, गिद्ध, भैंसा, लोमड़ी आदि अनेक स्वभाव व चेहरे जैसा रूप वाला होता है। संक्षेप में मुखाकृति विज्ञान के रहस्य आपके ज्ञानवर्धन के लिये निम्न प्रकार है।
मुख के तीन भाग:
1 मस्तक या ललाट
2 भौंहों से नाक के अग्र भाग तक
3 नाक के अग्र भाग से बेड़ी तक
1 मस्तक या ललाट (पहला भाग)- इस भाग में भौंहों से ऊपर मस्तक या ललाट का भाग होता है। यह भाग यदि बड़ा हो या उन्नत हो तो व्यक्ति बुद्धिमान, तेज स्मृति वाला, नई बातों को सीखने वाला, काव्य व योग का ज्ञाता है। जीवन की समस्याओं का समाधान बौद्धिक बल से सोच-विचार कर लेते हैं।
2 भौंहों से नासिका तक (द्वितीय भाग)- भौंहों से नासिका के अग्र भाग तक यह भाग होता है। भौंहे, आंखें, नाक, कान व कनपटी आदि अंग इस भाग में आते हैं। नासिका व आंखों का सर्वाधिक महत्व होता है। यदि यह दोनों अंग विकसित, उन्नत व शुभ हो तो व्यक्ति स्वाभिमानी और भावेश को नियंत्रण में रखने की सामर्थ्य होती है। आर्थिक स्थिति, व्यापार या नौकरी में क्या शुभ है जाना जा सकता है। जातक कितना भाग्यवान है। जीवन में संघर्ष से जूझने की कितनी शक्ति है, नासिका व आंखों की बनावट से जाना जाता है।
जिनके प्रथम खंड से दूसरा खंड अधिक विकसित व लंबा होता है, वे हठी, दृढ़ निश्चय वाले, बाधाओं का डटकर सामना कर सफल होते हैं। यदि प्रथम खंड से दूसरा खंड छोटा हो त व्यक्ति पराजित होकर अवसाद में आने वाला, उचित निर्णय लेने में अशक्त होता है। कभी दोगला स्वभाव भी देखा जाता है। कभी शांत तो कभी उग्र रूप में दिखाते हैं।
3 नाक से ढोढ़ी तक (तीसार भाग)- नासिका के उग्रभाग से ढोड़ी तक का भाग इस खंड में आता है। इस भाग में मूंछों का स्थान, होंठ, कपोल, जबड़ा व ठुड्डी आदि भाग आते हैं। मुख का यह भाग 50 वर्ष की आयु के बाद जातक का जीवन कैसे चलेगा, यह जाना जा सकता है। वर्गाकर व गोलाई यदि दृढ़ता युक्त हो तो शुभ माने जाते हैं। यदि ठोड़ी पीछे की ओर हटी हुई हो या नुकीली हो तो वृद्धावस्था में स्वयं को परिस्थितियों के अनुकूल नहीं बना पाते हैं। आगे की ओर निकली हुई ठोड़ी व वर्गाकर ठोड़ी वाले जातक जिद्दी आत्मविश्वासी व तर्क युक्त तथा परिस्थितियों के अनुकूल जीने वाले होते हैं। जिनका यह भाग पहले भाग के बराबर या अधिक लंबा हो वे वृद्धावस्था में सुखी जीवन जीते हैं। यदि पहला भाग तीसरे भाग से अधिक लंबा हो तो व्यक्ति अन्तर्मुखी व ध्यानमग्न होता है, यदि तीसरा भाग पहला भाग से लंबा हो

 भौहों को देखकर समझे व्यक्ति का स्वभाव

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