Friday, May 16, 2014

चिकनगुनिया और इसकी जटिलताएं

चिकनगुनिया और इसकी जटिलताएं


रोग ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार उसके प्रभाव लंबे समय तक कायम रहते हैं। चिकनगुनिया भी ऐसी ही बीमारी है, जो आमतौर पर सप्‍ताह भर में ठीक हो जाती है, लेकिन अपने पीछे कई ऐसे निशान छोड़ जाती है, जिन्‍हें जाने में काफी वक्‍त लगता है।

लेकिन उसका असर शरीर पर लंबे समय तक रहता है। चिकनगुनिया वायरस की जटिलताएं कहीं न कहीं डेंगू वायरस से भी मिलती-जुलती हैं। आइए जाने चिकनगुनिया वायरस शरीर पर अपना क्याह प्रभाव छोड़ जाता है।

  • चिकनगुनिया का मुख्य लक्षण जोड़ों में दर्द होना है। चिकनगुनिया बुखार 2 से 12 दिन तक रहता है लेकिन रोगी को इससे उबरने के लिए महीनों लग जाते हैं। कभी-कभी ये समय 6 महीने तो कभी 1 से 2 साल भी हो सकता है। दरअसल, इस वायरस से शरीर बहुत कमजोर हो जाता है जिसको बाद में उबरने में समय लगता है और जोड़ों का दर्द सही होने में समय लग जाता है।
  • चिकनगुनिया वायरस से पीडि़त व्यक्ति कुछ सप्ताह तक हर समय थकान से परेशान रहता है। 

  • कुछ रोगियों को हफ्तों या महीनों तक असहनीय दर्द, गठिया दर्द आदि की शिकायत भी हो सकती है।
  • कई रोगियों को चिकनगुनिया के लक्षणों के आधार पर कई तरह की मस्तिष्कर की समस्यातएं, गुर्दे की बीमारियां तथा इसी तरह की अन्य  गंभीर बीमारियां हो सकती है।
  • कई रोगियों को इस वायरस के कारण जीवनभर किसी भी अन्य बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
  • शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
  • इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, निमोनिया, सांस संबंधी बीमारियां आदि चिकनगुनिया के प्रभाव से हो सकती हैं।

No comments:

Post a Comment